शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार ने राजनीतिक दुर्भावना के चलते जनमंच कार्यक्रम को बंद कर दिया था, जिसे वह अब फिर से शुरू कर रही है। नाम बदलकर काम शुरू करना था, तो सत्ता में आते ही नाम बदल देते और जनमंच को चलने देते।
हिमाचल जैसे कठिन भौगोलिक परिस्थिति वाले प्रदेश में जनमंच अपने आप में एक अनूठा कार्यक्रम था, जिसके तहत सरकार पूरे प्रशासनिक अमले के साथ लोगों के घर-द्वार तक पहुंचती थी और उनकी समस्याओं का मौके पर ही समाधान करती थी।
छोटे-बड़े मामले जिसके लिए आम आदमी को कई घंटों और सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था, वे काम घर बैठे ही बिना किसी खर्च के आराम से हो जाता था।
सरकार का यही काम है कि आम आदमी के हितों को ध्यान में रखते हुए उनकी सुविधाओं आसानी से उन तक पहुंचाए, लेकिन वर्तमान सरकार में ऐसा कोई मेकनिजम ही नहीं है, जिससे लोग अपनी बात प्रभावशाली तरीके से सरकार तक पहुंचा सकें।
मंत्री से लेकर विधायक, हिमाचल के लोग आज ऐसी स्थिति में हैं, जहां उनकी कोई सुनवाई नहीं है। मुख्यमंत्री को जनमंच कार्यक्रम को राजनीतिक विद्वेष के चलते बंद करने के लिए हिमाचल के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस प्रकार की राजनीतिक दुर्भावना के साथ कांग्रेस की सुक्खू सरकार काम कर रही है, वह एक घटिया राजनीति के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। पूर्व सरकार द्वारा शुरू किए गए जनमंच के 256 कार्यक्रमों से 50,000 शिकायतों का मौके पर निस्तारण किया गया था। इससे हर शिकायतकर्ता के हजारों रुपए बचे थे, जो उन्हें यात्रा में कागजी कार्रवाई में खर्च करने पड़ते।