सूखाकर इसका पाउडर भी बना सकते हैं
देहरा। ढींगरी मशरूम की खेती बहुत ही आसानी से बहुत कम लागत के साथ शुरू की जा सकती है। इसके लिए किसी भी टेंपरेचर की आवश्यकता नहीं होती। ये मशरूम दूसरे मशरूम से ज्यादा पौष्टिक होता है, जो बहुत सारे रोगों के लिए फायदेमंद होता है। ये ढींगरी मशरूम ज्यादा समय तक रहने के बाद भी खराब नहीं होता है। इसको सूखाकर इसका पाउडर भी बना सकते हैं, जो किसी भी सब्जी में डाल कर उपयोग में लाया जा सकता है। यह जानकारी हिमाचल के कांगड़ा जिला के विकास खंड देहरा के अंतर्गत पंचायत अधवाणी के जीजल गांव में शुरू हुए प्रशिक्षण शिविर में दी गई।
बता दें कि हिमाचल के कांगड़ा जिला के विकास खंड देहरा के अंतर्गत पंचायत अधवाणी के जीजल गांव में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए ढिंगरी मशरूम की खेती करने का 15 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शुरू हुआ। शिविर सवेरा संस्थान रैन्खा ज्वालाजी द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) हिमाचल के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। शिविर का शुभारंभ जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड धर्मशाला अरुण खन्ना ने किया। प्रशिक्षण शिविर 02 मार्च से 16 मार्च 2023 तक चलेगा।
इस प्रशिक्षण शिविर में स्वयं सहायता समूहों की लगभग 35 महिलाएं भाग ले रही हैं।डीडीएम नाबार्ड ने प्रशिक्षण में भाग ले रही महिलाओं को नाबार्ड द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी व प्रतिभागियों को इस प्रशिक्षण में दिलचस्पी दिखाने के लिए प्रोत्साहित किया, ताकि वे अपना स्वरोजगार सुनिश्चित कर सकें। उन्होंने बताया कि नाबार्ड द्वारा समय-समय पर समूहों के उत्पादों की बिक्री हेतु हिमाचल व बाहरी राज्यों में प्रदर्शनी मेले आयोजित किए जाते हैं, जिसमें समूह अपना उत्पाद बिक्री कर सकते हैं।
कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक अधवाणी के शाखा प्रबंधक रविन्द्र राणा व बैंक अधिकारी राकेश कुमार ने बैंक की योजनाओं, अटल पेंशन व बैंक द्वारा किए जा रहे जीवन बीमा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। समूहों को बैंक की ओर से हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। ग्राम पंचायत अधवाणी प्रधान अनिता कुमारी ने ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के लिए नाबार्ड व सवेरा संस्थान का धन्यवाद किया है।
उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर बल देते हुए महिलाओं को मन लगाकर मशरूम की खेती का प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया व आश्वासन दिया कि इनके द्वारा तैयार किए जाने वाले मशरूम की बिक्री हेतु हरसंभव सहयोग किया जाएगा। सवेरा संस्थान के निदेशक सुभाष चौहान ने डीडीएम नाबार्ड, बैंक अधिकारियों, पंचायत प्रधान, पंचायत सदस्यों व प्रतिभागियों का स्वागत व धन्यवाद किया, साथ ही 15 दिवसीय प्रशिक्षण के बारे में जानकारी दी। इस प्रशिक्षण के प्रशिक्षक प्रवीण शर्मा ने उपस्थित प्रतिभागियों से अपील की है कि यदि आप सभी मन लगा कर प्रशिक्षण प्राप्त करें तो उन्हें सिखाने में आसानी होगी व प्रशिक्षण के बाद भी वह आपकी मदद करते रहेंगे। आपके द्वारा तैयार किए मशरूम की बिक्री करने में मदद भी करेंगे।
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