शिमला। दिल्ली में पानी के बढ़ते संकट को लेकर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। दिल्ली सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को शुक्रवार को 137 क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ने के आदेश दिए हैं। वहीं, इस मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार ने अपना पक्ष स्पष्ट कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ओंकार शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने दिल्ली सरकार के साथ दिसंबर 2019 में एक एमओयू साइन किया था। इस एमओयू के तहत हिमाचल प्रदेश यमुना नदी में अपने हिस्से का पानी दिल्ली सरकार को देती है।
हिमाचल पहले से ही अपने हिस्से का पानी दिल्ली को दे रहा है। 5 जून को हुई अप्पर यमुना बोर्ड की बैठक में भी हिमाचल प्रदेश सरकार का वही स्टैंड था।
हिमाचल सरकार 137 क्यूसेक पानी दिल्ली सरकार को देती थी और आगे भी देती रहेगी। हिमाचल की तरफ से न पहले कोई इश्यू था और न अब इश्यू है।
हम पहले भी एमओयू के तहत 137 क्यूसेक पानी दे रहे थे और आगे भी देते रहेंगे। ये पक्ष हमने सुप्रीम कोर्ट में भी रखा है कि हिमाचल लगातार एमओयू के मुताबिक पहले की तरह पानी देगा।
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