भू अधिग्रहण के अभाव में बहुत समय से कार्य लंबित
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मंडी हवाई अड्डे का निर्माण और कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार आवश्यक भू अधिग्रहण के अभाव में बहुत समय से लंबित है। 15वें वित्तायोग द्वारा मंडी हवाई अड्डे के लिए एक हजार करोड़ और कांगड़ा हवाई अड्डे के लिए 400 करोड़ रुपए की अनुशंसा की है। उन्होंने सत्ता एवं विपक्ष के नेताओं और सभी सांसदों से अनुरोध किया है वे भारत सरकार से इस राशि को शीघ्र जारी करवाने के लिए सहयोग करें।
बजट भाषण में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि दोनों हवाई अड्डों के लिए शुरू किया गया सामाजिक प्रभाव आकलन (Social Impact Assessment) जल्द पूरा करके इनके लिए भू अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा तैयार किए गए मास्टर प्लान के अनुरूप कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार कार्य में गति लाई जाएगी। कांगड़ा हवाई अड्डे के रनवे की लंबाई वर्तमान में 1 हजार 372 मीटर से बढ़ाकर 3 हजार 10 मीटर करने के लिए आवश्यक भू अधिग्रहण की प्रक्रिया को अगले वित्तीय वर्ष के मध्य तक पूरा कर लिया जाएगा।
साल के अंदर सभी जिलों को हेलीपोर्ट से जोड़ दिया जाएगा।
भू अधिग्रहण के तुरंत बाद इसके विस्तार का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। इसके लिए 2023-24 में 2 हजार करोड़ रुपए व्यय करने का प्रावधान है।
रामपुर, बद्दी, कंगनीधार मंडी और SASE, मनाली में हेलीपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं। हैली टैक्सी का संचालन संजौली और बद्दी हेलीपोर्ट से जल्द शुरू होगा। हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा, कुल्लू, लाहौल स्पीति, किन्नौर और ऊना में नए हेलीपोर्ट का निर्माण/विकास किया जाएगा। हैलीपोर्ट निर्माण और विकास के लिए 2023-24 में 30 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।