फिर संकट में हिमाचल का सेब, कारोबारियों को सता रहा नुकसान का डर
ewn24news choice of himachal 02 May,2024 7:02 pm
मौसम ने चिंता में डाले बागवान
शिमला। हिमाचल में खराब मौसम ने किसानों को ही नहीं बागवानों को भी चिंता में डाला है। पिछले साल के आर्थिक नुकसान के तले दबे हुए हिमाचल प्रदेश के सेब कारोबार से संबंधित लोगों में इस बार फिर से खराब मौसम के कारण डर और अनिश्चिता का माहौल बना हुआ है।
सेब उगाने वाले बागवान, मंडियों को संचालित करने वाले आढ़ती, सेब की आवागमन से जुड़े ट्रांसपोर्टर व निजी सीए स्टोर ऑपरेटर्स मौसम में आए अचानक बदलाव से चिंतित हैं।
हिमाचल में मौसम ने एक बार फिर गलत समय पर करवट ली है और बेमौसम बरसात ने पेड़ों की फ्लावरिंग और सेटिंग को नष्ट करना शुरू कर दिया है। इस समय हिमाचल में जहां तापमान 24 डिग्री के आसपास और खिली धूप वाला होना चाहिए था। वहीं, करीब-करीब पूरे प्रदेश में फिर से हल्की ठंड और बदली का मौसम बना हुआ है।
बता दें कि इन दिनों सेब में फ्लावरिंग का समय है। इस समय भारी ओलावृष्टि नुकसान का कारण बनती है। बताया जा रहा है कि लगातार भारी ओलावृष्टि से कुल्लू के लगभग एक दर्जन गांवों में सेब फसल पूरी तरह तबाह हो गई है।
कई जगह सेब के पेड़ों से फूल झड़ गए हैं और हेलनेट फट गए हैं। वहीं, जिन बगीचों में एंटी हेलनेट नहीं थी, उनसे फूलों के साथ पत्ते भी गिर गए और इससे सेब की टनहियां व पेड़ भी टूट गए हैं।
बात यहां पर आकर भी नहीं रुकती है। तापमान का कम और ज्यादा होना भी जख्मों पर नमक छिड़क रहा है। इसका सीधा असर फसलों पर पड़ रहा है। मधुमक्खियां भी सही से परागण नहीं कर पा रही हैं।
एक बात तो है कि सही फ्लावरिंग न होने से उत्पादन पर भी गहरा असर पड़ेगा। यह न केवल बागवानों बल्कि प्रोक्योरमेंट सेंटर्स का संचालन करने वाली निजी कंपनियों के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के साथ इन कंपनियां की नजर भी मौसम की हर अपडेट पर है।
आगे कैसे रहेंगे मौसम के मिजाज
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की 2 मई की अपडेट देखें तो कल से मौसम फिर करवट बदल सकता है। 3 मई को मध्य पर्वतीय और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। वहीं, 4 और 5 मई को पूरे हिमाचल में मौसम खराब रहने का अनुमान है।
ये दो दिन एक दो स्थानों पर आंधी, तूफान के साथ बिजली चमकने की संभावना को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। 6, 7 और 8 मई को भी मध्य पर्वतीय और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम खराब बना रह सकता है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू और चंबा आदि में बर्फबारी की संभावना है।
सेब के प्रति बॉक्स 800 से 100 रुपए घाटा
हिमाचल में सेब कारोबारियों को इस साल के मुनाफे से ज्यादा बड़ी चिंता इस बात की है कि पिछले साल के नुकसान और कर्ज की भरपाई हो पाएगी या नहीं। वर्तमान हालात ऐसे हैं कि प्रति बॉक्स पर 800-1000 रुपए (40 - 50 रुपए प्रति किलो) तक का नुकसान चल रहा है।
साल 2023 की प्राकृतिक त्रासदी के चलते हिमाचल प्रदेश की आधी से ज्यादा सेब की फसल बर्बाद हो गई थी। हालत ऐसे हो गए थे कि किसानों की साल भर की मेहनत के बावजूद भी उनकी कमाई लागत से भी काम रही।
हालांकि, शुरुआत के कुछ दिनों में सेब की कीमत में कुछ सुधार दिखा था, लेकिन क्वालिटी के आभाव के कारण वो भी ज्यादा दिन टिक नहीं सका। जिन लोगों ने सेब के भंडारण के जरिये कुछ बेहतर कमाई की उम्मीद की थी, उचित मूल्यों के अभाव में उन्हें और भी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है।
2023 में दोनों तरफ से पड़ी मार
सेब कारोबारियों को 2023 में दोनों तरफ से मार पड़ी है। न तो सेब अच्छी क्वालिटी का पैदा हो सका और न ही उचित मात्रा में मंडियों तक सेब पहुंच पाया। लोगों को इस साल से काफी उम्मीदें थीं।
इसके चलते बागवान नुकसान के बावजूद इस उम्मीद पर कारोबार में टिके रहे कि अगले साल मौसम की मार नहीं पड़ेगी। यहां गौर करने की बात यह है कि सेब का भंडारण और ट्रांसपोर्ट में अच्छी खासी लागत आती है और मुनाफे का मार्जिन हमेशा काफी कम होता है।
ऐसे में बागवानों को उम्मीद यह रहती है कि सेब की अच्छी क्वालिटी हो और सप्लाई सुचारू रूप से चले।
वर्तमान में स्थिति यहां तक खराब बताई जा रही है कि कुछ निजी स्टोर ऑपरेटर्स पिछले साल के रेट पर खरीदी करने की हालत में ही नहीं हैं। अब सरकारी मदद की आस लगाए बागवान और बाकी व्यवसायी इसी उम्मीद में हैं कि किसी तरह से बची फसल सही समय पर बिना किसी नुकसान के तैयार हो जाए।