उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल से सुरक्षित निकला विशाल आज पहुंचा घर, ढोल-नगाड़ों से हुआ स्वागत
ewn24news choice of himachal 01 Dec,2023 8:43 pm
मंडी जिला के बल्ह घाटी के बंगोट गांव में जश्न का माहौल
मंडी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिलक्यारा टनल में 40 साथियों के साथ 17 दिन फंसे रहने के बाद शुकवार को मंडी जिला के बल्ह घाटी के बंगोट गांव का विशाल सुरक्षित घर पहुंचा।
विशाल के सुरक्षित घर लौटने की खुशी में परिजनों और गांव वालों ने खूब पटाखे फोड़े और ढोल नगाड़ों के साथ उसका स्वागत किया गया।
घर पहुंचने पर मां उर्मिला ने बेटे की आरती उतारी और फिर उसे गले लगाकर खूब दुलार किया। बेटे को गले लगाते ही मां उर्मिला फूट-फूट कर रोने लगीं। हालांकि उसे सामने देख मां के दिल को तसल्ली भी मिल गई।
मां उर्मिला ने कहा कि बेटे के उत्तरकाशी से सुरक्षित घर पहुंचने पर खुशी का ठिकाना नहीं है। उन्होंने सरकार से कहा है कि वह अपने बेटे को अब वापस नहीं भेजना चाहतीं। उनके बेटे को स्थानीय स्तर पर ही नौकरी दे दी जाए। इसके अलावा कोई मांग नहीं है।
विशाल के पिता धर्म सिंह ने कहा कि बेटा सुरक्षित घर आ गया है इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है। यह लम्हे परिवार के लिए बेहद अहम है। दादी गरवर्धनू ने कहा कि विशाल की सलामती के लिए सभी ने प्रार्थना की। उन्होंने रेस्क्यू करने वालों का आभार किया और उन्हें आशीर्वाद दिया।
विशाल की घर वापसी के दौरान बल्ह विधायक इंद्र सिंह गांधी, मंडी जिला भाजपा अध्यक्ष निहाल चंद व अन्य भी शामिल रहे। विशाल के घर पहुंचते ही मोदी है तो मुमकिन है के नारे भी लगे।
वहीं, उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल से सकुशल लौटे विशाल ने बताया कि उस दिन ड्यूटी खत्म करने के बाद लौटती बार उन्हें मालूम हुआ कि रास्ता बंद हो गया है। मलबा कितना है और कितनी दूरी तक है इसका अंदाजा नहीं था। विपरीत परिस्थितियों में सभी ने एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते हुए सबने समय गुजारा।
अधिकतर समय सो कर, टहलने, एक-दूसरे से बातचीत व पारंपरिक खेल खेलने में गुजरता था। अंदर गुजारे समय का भी आनंद लेने का प्रयास किया, ताकि नकारात्मक ख्याल दिल में न आएं। परिजनों से मिलने के बाद विशाल ने कहा कि हिमाचल में ही नौकरी मिल जाए तो बेहतर है। अब दोबारा उत्तरकाशी जाने का मन नहीं है।