उत्तरकाशी : सुरंग में फंसे हिमाचल के युवक सहित 41 मजदूर, 7वें दिन भी नहीं निकाले जा सके
ewn24news choice of himachal 18 Nov,2023 11:03 pm
ऑगर मशीन से बंद करनी पड़ी ड्रिलिंग
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग के अंदर हिमाचल के मंडी जिला के मजदूर सहित 41 मजदूरों की सांसें अटकी हैं। वहीं, बाहर परिजनों की हिम्मत जवाब दे रही है। शनिवार को सातवें दिन भी मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा सका।
मुश्किलें तब बढ़ गईं जब ऑगर मशीन से सुरंग में कंपन और मलबा गिरने के खतरे के चलते ड्रिलिंग बंद करनी पड़ी। अब सुरंग के ऊपर और साइड से ड्रिलिंग की तैयारी की गई है।
योजना के अनुसार ऊपर से ड्रिल कर मजदूरों तक खाना व पानी पहुंचाया जाएगा। साइड से ड्रिलिंग कर उन्हें बाहर निकाल लिया जाएगा।
बैकअप के लिए इंदौर से मंगवाई गई एक और ऑगर मशीन शुक्रवार देर रात जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंची। शनिवार को तीन ट्रकों के जरिये इन मशीनों को सिल्क्यारा साइट पर पहुंचाया गया।
यमुनोत्री हाईवे पर सिल्क्यारा से पोल गांव के लिए सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। 12 नवंबर को दिवाली वाले दिन सुरंग में भारी भूस्खलन हुआ था। इसके चलते मुहाने के पास सुरंग बंद होने से 41 मजदूर अंदर फंस गए।
पहले जेसीबी से मलबा हटाने की कोशिश की गई। पर सफलता हाथ न लगी। इसके बाद 14 नवंबर को दिल्ली से अमेरिकी ऑगर मशीन मंगवाई गई। इसके बाद दो दिन तक ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की गई। पर 22 मीटर ड्रिलिंग के बाद काम बंद करना पड़ा।
इसका कारण है कि 1750 हॉर्स पावर की इस मशीन के चलने से सुरंग में कंपन बढ़ रहा है। ऐसे में मलबा गिरने का खतरा बना हुआ है। रेस्क्यू कार्य में लगे लोगों की सुरक्षा के लिए शुक्रवार रात यहां ह्यूम पाइप बिछाए गए।
इस दौरान यहां सुरंग की दीवार पर एक दरार भी दिखाई दी, जिसके चलते एहतियातन यहां फिलहाल ड्रिलिंग का काम रोक दिया गया है।
उधर, सुरंग में फंसे मजदूरों से बात की गई तो मजदूरों का कहना था कि खाना-पानी तो मिल रहा है, लेकिन धीरे-धीरे हालत खराब होते जा रहे हैं। बहुत हालत खराब है, जल्दी बाहर निकालो।
एक मजदूर से उसके दोस्त कई बात हुई तो वह रोने लगा। उसने कहा कि मैं सूखे खाने पर कितने दिन तक जीवित रहूंगा। अब दम घुट रहा है, तुम लोग हमें बचा भी रहे हो या झूठ बोल रहे हो। सुरंग में फंसे मजदूरों की हिम्मत टूट रही है।
उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में हिमाचल के मंडी जिला की बल्ह घाटी के सिध्याणी पंचायत के बंगोट गांव का विशाल भी फंसा है। विशाल की मां का रो रो कर बुरा हाल है। हर दिन भारी गुजर रहा है। मां का कहना है कि उसके बच्चे को सुरक्षित घर भेज दो, बाकी उसे कुछ नहीं चाहिए।
विशाल का बड़ा भाई योगेश और पिता धर्म सिंह घटनास्थल पर मौजूद हैं। विशाल दिवाली से पहले घर आया था और छुट्टी काट लौटा था।
उधर, टनल में फंसे मजदूरों के साथियों के सब्र का बांध भी टूट रहा है। मजदूरों के साथियों ने शनिवार को जमकर हंगामा किया। साथियों का कहना है कि यहां सिर्फ एक्सपेरिमेंट किया जा रहा है, मजदूरों को निकालने का काम नहीं किया जा रहा है।
अगर लोगों को निकालने का काम किया जाता, तो अब तक उनके साथियों को निकाल लिया गया होता। बैक सपोर्ट के लिए भी यहां कोई मशीनरी नहीं है। सुरंग की साइड से कटिंग की होती तो लोग बाहर आ गए होते।