चंबा मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षुओं को रैगिंग न करने की दिलाई शपथ
ewn24news choice of himachal 19 Aug,2023 1:25 pm
प्राचार्य बोले - एक बुरी प्रथा है, जो छात्रों की ले सकती है जान
चंबा। पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल चंबा में एंटी रैगिंग और रैगिंग के लिए कानून तथा दंड पर संवेदीकरण सत्र आयोजित किया गया। इसमें मेडिकल कॉलेज चंबा के प्राचार्य डॉ. एसएस डोगरा बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहे।
डॉ डोगरा ने एमबीबीएस प्रशिक्षुओं को अवगत करवाया कि रैगिंग शैक्षणिक संस्थानों व मेडिकल कॉलेजों में चिंता का विषय है। रैगिंग एक बुरी प्रथा है, जो छात्रों की जान ले सकती है। विकलांगता और कभी-कभी छात्र संस्थान छोड़ सकते हैं। डॉ डोगरा ने कहा मेडिकल कॉलेज चंबा जीरो रैगिंग संस्थान है।
इस अवसर पर अधिवक्ता नीरज सहगल अतिथि वक्ता थे। उन्होंने कहा कि रैगिंग से मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना व आघात पहुंचता है। रैगिंग का मुख्य कारण अनुशासनहीनता की कमी है। तमिलनाडु में 1997 रैगिंग का केस सामने आया था, जिसको लेकर साल 2001 में सुप्रीम कोर्ट ने रैगिंग को गैर कानूनी घोषित कर दिया।
कुछ साल के बाद मेडिकल कॉलेज टांडा में अमन काचरू रैगिंग के केस ने देवभूमि हिमाचल को भी शर्मसार कर दिया था, जिसको लेकर समय-समय पर रैगिंग को लेकर कड़े नियम भी बनाए गए और कानून की भिन्न-भिन्न धाराओं के तहत सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
डॉ प्रदीप सिंह एंटी रैगिंग कमेटी सदस्य ने भी अपने विचार प्रशिक्षुओं के सामने रखे। उन्होंने रैगिंग के विभिन्न कारणों, रैगिंग की रोकथाम और इससे संबंधित कानून के बारे में विस्तार से बताया और रैगिंग करने न करने पर कहा।
इस मौके पर चीफ वाडनर डॉ जावेद मुल्ला, कर्मचारी और अधिकारियों सहित एमबीबीएस बैच 2019, 2022, 2021, 2022 के प्रशिक्षु भी मौजूद रहे। वहीं इसी मौके पर अधिवक्ता नीरज सहगल के द्वारा प्रशिक्षुओं व अन्य समस्त लोगों को रैगिंग न करने के लिए शपथ भी दिलाई गई।