श्री चिंतपूर्णी में श्रावण अष्टमी मेले 17 अगस्त से, 24 घंटे खुले रहेंगे मंदिर के कपाट
ewn24news choice of himachal 18 Jul,2023 8:16 pm
आशा देवी मंदिर से शीतला मंदिर तक 7 सेक्टरों में बांटा मेला
चिंतपूर्णी। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला स्थित प्रसिद्ध शक्तिपीठ माता श्री चिंतपूर्णी में श्रावण अष्टमी मेलों का आयोजन 17 से 25 अगस्त तक होगा।
मेले के सफल आयोजन को लेकर बाबा माईदास सदन में एडीसी ऊना महेंद्र पाल गुज्जर की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। मेले के दौरान एडीसी मेला अधिकारी होंगे, वहीं एएसपी पुलिस मेला अधिकारी होंगे। एसडीएम अंब सहायक मेला अधिकारी होंगे।
एडीसी ने बैठक में कहा कि सावन अष्टमी मेला आशा देवी मंदिर से शीतला मंदिर तक 7 सेक्टरों में बांटा गया है। मेले में सुरक्षा व्यवस्था और व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए 1650 पुलिस और गृहरक्षक तैनात किए जाएंगे। मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट 24 घंटे खुले रहेंगे। सफाई आदि के लिए रात 11 से 12 बजे तक मंदिर के कपाट बंद रखे जाएंगे।
लंगरों के लिए संचालकों को अनुमति लेनी होगी। लंगर संचालकों से 10 हजार लंगर फीस और 10 हजार रुपए सिक्योरिटी के रूप में जमा किए जाएंगे। सड़क के आमने-सामने एक जगह लंगर लगाने की संस्था को अनुमति नहीं मिलेगी।
मेले के दौरान गंदगी फैलाने वालों की सिक्योरिटी भी जब्त होगी। लंगर व्यवस्थाओं पर सेक्टर मजिस्ट्रेट नजर रखेंगे और नियम न मानने वाले लंगर संचालकों के लंगर बंद करवाए जाएंगे। मेले में सभी 7 सेक्टरों में लंगर संस्थाओं को लंगर लगाने की अनुमति एसडीएम द्वारा दी जाएगी।
चिंतपूर्णी में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे स्थापित
मेले में असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए श्री चिंतपूर्णी में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे स्थापित कर दिए गए हैं तथा पुलिस की विशेष टीम गठित की जाएगी। सुरक्षा प्रबंधों के चलते मेले के दौरान नारियल प्रसाद को गर्भगृह तक ले जाने पर रोक रहेगी।
मंदिर पहुंचने से पहले दर्शन पर्ची चेकिंग के दौरान श्रद्धालुओं से नारियल ले लिए जाएंगे और दर्शनों के उपरांत श्रद्धालुओं को उक्त नारियल प्रसाद वापस दे दिया जाएगा, जिसके लिए अतिरिक्त सेवादारों की नियुक्ति की जाएगी।
माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को बाबा माईदास सदन, एमआरसी पार्किंग और शंभू बैरियर पर दर्शन पर्ची मिलेगी। पर्ची चेकिंग काउंटर पर श्रद्धालुओं की दर्शन स्लिप चैक होगी जिसके उपरांत ही श्रद्धालु दर्शनों के लिए जा सकेंगे।
गगरेट से चिंतपूर्णी तक लगेंगे 7 मेडिकल बूथ
मेला अवधि के दौरान गगरेट से चिंतपूर्णी मंदिर तक श्रद्धालुओं को मेडिकल सुविधा के लिए 7 मेडिकल पोस्ट स्थापित की जाएंगी, जिनमें 5 एलोपैथिक व 2 आयुर्वेदिक पोस्टें होंगी जहां श्रद्धालुओं को फ्री दवाइयां दी जाएंगी। इसके लिए मन्दिर न्यास द्वारा करीब 3 लाख रुपए की दवाइयां खरीदी जाएंगी। आपातकाल के दौरान भरवाईं और चिंतपूर्णी में 108 एंबुलेंस तैनात होंगी।
अतिरिक्त सफाई कर्मियों की होगी तैनाती
मेले के दौरान सफाई व्यवस्था सुलभ शौचालय करेगा। व्यवस्था सुचारू रूप से रखने के लिए मन्दिर न्यास द्वारा अतिरिक्त सफाई कर्मचारियों की तैनाती होगी जो समय-समय पर समूचे बाजार चिंतपूर्णी से गगरेट तक सफाई व्यवस्था रखेंगे। मेलों के दौरान श्रद्धालुओं को लाइनों में पेयजल पिलाने के लिए अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती विभिन्न स्थानों पर की जाएगी।
श्रद्धालुओं को शौचालय सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मन्दिर न्यास द्वारा 4 स्थानों पर मोबाइल शौचालय रखे जाएंगे जो किन्नू, सिद्ध चलेहड़, बॉम्बे पिकनिक स्पॉट व चंबी में स्थापित होंगे। इसके अलावा चिंतपूर्णी लक्कड़ एडीवी ब्लॉक और थनिकपुरा चाट मोड़, जैन हवेली सिद्ध चलेहड़ भरवाईं, ज्वालाजी मार्ग व पुलिस स्टेशन के समीप स्थायी शौचालयों का निर्माण किया गया है।
मंदिर क्षेत्र में भिक्षावृत्ति से निपटने के लिए विशेष पुलिस टीम तैनात होगी जो भिक्षावृत्ति करने वालों को खदेड़ेगी, वहीं कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। मेले के दौरान केंद्र सरकार की गाइडलाइन अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान कागज के पत्तल व प्लेटों को ही प्रयोग में लाया जा सकेगा। मेले के दौरान कोई संस्था या दुकानदार नियमों को धत्ता बताता नजर आया तो विभाग की ओर से चालान काटे जाएंगे।
बड़े वाहनों को चिंतपूर्णी क्षेत्र में आने की अनुमति नहीं
इसके अलावा बड़े वाहनों को चिंतपूर्णी क्षेत्र में आने की अनुमति नहीं होगी। बड़े वाहन भरवाईं पार्किंग पर पार्क किए जाएंगे। छोटे वाहनों के लिए माईदास सदन और एमआरसी पार्किंग व्यवस्था रहेगी। मेले के दौरान मालवाहक वाहनों में सफर करने वालों को हिमाचल सीमा पर ही रोक लिया जाएगा। जहां से श्रद्धालुओं को एचआरटीसी की बसों से चिंतपूर्णी में दर्शनों को भेजा जाएगा। इसके लिए एचआरटीसी विशेष बसों का प्रबंध करेगा।