शिमला। संजौली मस्जिद विवाद के बाद हिमाचल प्रदेश में बिगड़े माहौल को शांत करने के मकसद से 27 सितंबर को शिमला में वामपंथी और कई अन्य संगठन शांति मार्च निकालने जा रहे हैं।
इस दौरान वह शहर में अमन, शान्ति और सौहार्दपूर्ण माहौल बनाए रखने का संदेश देंगे। शिमला में विभिन्न संगठनों ने एकजुट होकर शहर की जनता से भी इस शांति मार्च में सहयोग की अपील की है।
सीपीआईएम नेता व एमसी शिमला के पूर्व महापौर संजय चौहान और पूर्व उपमहापौर टिकेंद्र पंवर ने कहा है कि शिमला सभी समुदाय के लोगों का है और संविधान भी सभी लोगों को कहीं भी रहने और काम करने का अधिकार देता है ऐसे में चंद भीड़ तय नहीं करेगी कि कौन कहां रहेगा या नहीं रहेगा।
जहां तक मस्जिद कर वैध या अवैध का मामला है तो वह कानून तय करेगा कि क्या करना है। भीड़ तय नहीं करेगी की मस्जिद गिरानी है। शिमला में कई मंदिर और भवन अवैध बने हैं ऐसे में एमसी कोर्ट ने इसमें फैसला लेना है।
शिमला प्रवासियों का शहर है ऐसे में किसी को यह कहना गलत है कि वह कहां से आया है। शिमला सभी समुदाय के लोगों का है लेकिन कुछ लोग माहौल बिगाड़ रहे हैं जिससे शहर की छवि खराब हो रही है और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान हो रहा है।
वहीं, कांग्रेस के पूर्व विधायक व पूर्व महापौर आदर्श सूद और आम आदमी पार्टी नेता राकेश आजटा ने भी शान्ति मार्च में सभी लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग शिमला का माहौल बिगाड़ने में लगे हैं जबकि शिमला में सभी समुदाय के लोग आपसी भाईचारे में रहते हैं लेकिन जिस तरह का वातावरण बनाया जा रहा है उससे प्रदेश के पर्यटन को भी नुकसान हो रहा है। शिमला की छवि देश दुनिया में खराब की जा रही है।