रामपुर। शिमला जिला के रामपुर में झाकड़ी समेज खड्ड में आई बाढ़ में 36 लोग बह गए हैं जिनकी तलाश तीसरे दिन शनिवार को भी जारी है।
36 लोगों में से 7 से 8 बच्चे और 15 महिलाएं शामिल हैं। लापता में 33 लोग समेज के ही निवासी हैं।
अभी तक एक भी व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। परिजन हर रोज मौके पर पहुंच रहे हैं और बस यही आस लगाए बैठे हैं उनके अपने सुरक्षित हों और उन्हे जल्द मिल जाएं।
एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीम सहित आईटीबीपी और एसडीआरएफ जवान भी ऑपरेशन में जुटे हुए हैं। डीसी अनुपम कश्यप ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन करने के लिए सारी टीमें एक जुट हो कर कार्य कर रही है लेकिन बादल फटने से मलबा काफी आया हुआ है।
खड्ड में पत्थर काफी अधिक है। यहां पर और भी कई चुनौतियां हैं। परंतु हमारी टीम सुबह से लेकर देर शाम तक सर्च ऑपरेशन के तहत काम कर रही है। लेकिन अभी तक लापता लोगों के बारे में कोई भी सुराग हाथ नहीं लग पाया है।
पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने कहा कि पुलिस बल भारी तादाद में यहां पर तैनात किया गया है। स्थानीय लोगों की मदद करने में पुलिस प्रयासरत है।
शुक्रवा को मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भी समेज क्षेत्र का दौरा कर राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया था। इस दुःखद् घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और आपदा प्रभावितों के लिए तत्काल राहत पैकेज की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक आपदा प्रभावित परिवार को तत्काल वित्तीय सहायता के रूप में 50 हजार रुपये और किराए पर आवासीय सुविधा के लिए तीन महीने के लिए प्रतिमाह पांच हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार भोजन, रसोई गैस, कंबल और चूल्हे जैसी मूलभूत वस्तुएं निःशुल्क प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों को आश्वासन दिया कि उनके घरों के पुनर्निर्माण के लिए शीघ्र वित्तीय सहायता की घोषणा की जाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन को विस्थापित परिवारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए ताकि इन परिवारों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े।