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महादेव का सबसे प्रिय महीना सावन शुरू, भोलेनाथ की पूजा से दूर होंगे कष्ट

ewn24news choice of himachal 04 Jul,2023 5:21 am

    देवों के देव महादेव का सबसे प्रिय महीना सावन शुरू हो गया है। श्रावण मास को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है। इस पवित्र महीने में भगवान शिव की भक्ति करने से साधकों को बल, बुद्धि एवं विद्या का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सावन के प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक अथवा दूधाभिषेक करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं।

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    प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से सावन के पवित्र महीने की शुरुआत हो जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 3 जुलाई को शाम 05 बजकर 08 मिनट पर होगा और इसका अंत 4 जुलाई को दोपहर 01 बजकर 38 मिनट पर हो जाएगा। सावन का प्रथम सोमवार व्रत 10 जुलाई, 2023 को रखा जाएगा।

    विक्रम संवत 2080 में सावन दो महीने का होने जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस साल अधिकमास लगने जा रहा है, जिसके कारण सावन का महीना 59 दिन का होगा। बता दें कि ऐसा खास संयोग 19 वर्ष के बाद बन रहा है। इस वर्ष सावन मास 4 जुलाई को आरंभ होगा और इसका समापन 31 अगस्त को हो जाएगा। जिसमें से 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अधिकमास या मलमास रहेगा।
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    सावन में पूजा महत्त्व

    वेद एवं शास्त्रों में श्रावण मास के महत्व को विस्तार से बताया गया है। मान्यता है कि माता पार्वती ने कठोर व्रत और उपवास करके भगवान शिव को सावन मास में ही पति रूप में प्राप्त किया था। इसके साथ भगवान विष्णु, ब्रह्मा, इंद्र और भगवान शिव के गण श्रावण मास में ही पृथ्वी पर वास करते हैं और अलग-अलग रूपों से भगवान शिव की आराधना करते हैं।

    श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी दुखों का नाश होता है और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। मान्यता यह भी है कि श्रावण मास में द्वादश ज्योतिर्लिंग में से किसी एक के भी दर्शन करने से साधक को अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है।


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