शिमला। हिमाचल कैबिनेट ने गेस्ट टीचर पॉलिसी को मंजूरी दी है। वहीं, गेस्ट टीचर पॉलिसी को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश में गेस्ट टीचर पॉलिसी के विरोध में प्रशिक्षित बेरोजगार सड़कों पर उतर आए हैं।
शिमला के डीसी ऑफिस के बाहर सैकड़ों बेरोजगारों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और गेस्ट टीचर पॉलिसी को वापस लेने की मांग उठाई। बेरोजगार युवाओं ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ने एक लाख नौकरी का वादा करके वादाखिलाफी की है।
प्रशिक्षित बेरोजगारों का कहना है कि सरकार ने एक लाख नौकरियों का वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं हुआ। गेस्ट टीचर भर्ती कर युवाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
युवाओं ने दावा किया कि 257 लोगों को ही सरकारी क्षेत्र में रोजगार दिया गया है। अगर सरकार इस युवा विरोधी पॉलिसी को वापस नहीं लेती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा। फिर भी बात नहीं बनी तो सचिवालय के बाहर युवा फिर से एकत्रित होकर प्रदर्शन करेंगे।
बता दें कि 12 दिसंबर को हुई कैबिनेट बैठक में गेस्ट टीचर पॉलिसी को मंजूरी दी थी। इस भर्ती के तहत टीचर को पीरियड बेस पर मानदेय दिया जाएगा। जिसके विरोध में बेरोजगार अब सड़कों पर उतर गए हैं।