मैक्लोडगंज : नीलामी के बाद भी दलाई लामा सिक्योरिटी डीएसपी कार्यालय में ही रहेगा 'डूका'
ewn24news choice of himachal 10 Feb,2023 7:19 pm
क्रांति संस्था के संस्थापक धीरज महाजन ने जताया था नीलामी का विरोध
मैक्लोडगंज। डूका वो लैब्राडोर डॉग है जिसने पिछले 12 वर्ष अपनी सेवाएं तिब्बतियों के अध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा की सिक्योरिटी में दीं। सेवाएं देकर जब वह बूढ़ा हो गया तो उसकी नीलामी तय कर दी गई। सूंघने की जबरदस्त क्षमता के लिए मशहूर डूका विस्फोटकों को ट्रेस करने में माहिर है। 12 साल की सेवाओं के बाद डूका को रिटायर करने का फैसला लिया गया।
पुलिस विभाग ने आज केंद्र सरकार की अनुमति से मैक्लोडगंज पुलिस लाइन में शिव मंदिर के समीप इसकी नीलामी की। इस नीलामी में 5 लोगों ने भाग लिया और धर्मशाला के अजय ने डूका को 1,550 रुपए में खरीद लिया। इतने साल सेवा देने के बाद अपने घर और उन सब लोगों से दूर जाना डूका के लिए कितना मुश्किल होगा ये कोई नहीं समझ पाया। ये बेजुबान तो अपनी बात रखने में असमर्थ था लेकिन इसके लिए आवाज उठाई क्रांति संस्था के संस्थापक धीरज महाजन ने।
डूका की नीलामी का पता जब क्रांति संस्था के संस्थापक धीरज महाजन को चला तो उन्होंने मौके पर जाकर इसका विरोध जताया और कहा कि इस बेजुबान की भी भावनाएं हैं और अन्य किसी और जगह पर जाकर य़ह अपने पुराने मालिक और माहौल को याद करेगा। उनकी इस बात को डीएसपी नितिन चौहान ने सराहा और नीलामी के बाद डूका को उसके पुराने हैंडलर राजीव को ही सौंप दिया। यानी कि अब डूका दलाई लामा सिक्योरिटी डीएसपी कार्यालय में ही रहेगा।
इस बात से प्रदेशभर के पशु प्रेमी काफी खुश हैं। क्रांति संस्था ने पुलिस विभाग का भी आभार जताया जिन्होंने उनकी बात सुनी। धीरज महाजन ने कहा कि हम सभी मिलकर अगर प्रयास करते रहे तो कभी भी इन बेजुबानों पर अत्याचार नहीं होगा।
दलाई लामा की सुरक्षा में तैनात DSP नितिन चौहान ने बताया कि डूका की सबसे बड़ी खूबी विस्फोटकों से पुलिस को आगाह करना है। वह दलाई लामा के सार्वजनिक कार्यक्रमों से पहले आयोजन स्थल पर रेकी करता था, उसके बाद ही कार्यक्रम सेफ समझे जाते थे। साल 2010 में डूका को आर्मी ट्रेनिंग सेंटर से एक लाख 23 हजार रुपए देकर लाया गया था। उस समय यह सात माह का था। उसकी कुछ ट्रेनिंग यहां हुई। उसके बाद वह लगातार एक सोल्जर की तरह अपनी सेवाएं दे रहा था।