शिमला। राज्यस्तरीय हिमाचल प्रदेश पूर्ण राज्यत्व दिवस इस साल कांगड़ा जिला के बैजनाथ में मनाया जाएगा। इसको लेकर सरकार ने कार्यक्रम जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह समेत कई बड़े नेता इस मौके पर मौजूद रहेंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू समारोह में संबोधित करते हुए कई घोषणाएं कर सकते हैं। प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों की भी मुख्यमंत्री के संबोधन पर नजरें टिकी रहेंगी।
बता दें कि 25 जनवरी 1971 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने शिमला के ऐतिहासिक रिज से हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व की घोषणा की थी। उस वक्त कई संस्थाएं हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व के खिलाफ भी थीं। बावजूद इसके लंबे संघर्ष के बाद हिमाचल को राज्यत्व का दर्जा दिया गया। तब डॉ. यशवंत सिंह परमार हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री बने थे।
हिमाचल प्रदेश देश की आजादी के पूरे आठ महीने बाद 15 अप्रैल, 1948 को 30 छोटी-बड़ी पहाड़ी रियासतों के विलय के परिणामस्वरूप चीफ कमिशनर प्रोविंस के रूप में अस्तित्व में आया।
महासू, मंडी, चंबा और सिरमौर को अलग-अलग जिलों का दर्जा दिया गया। उस समय हिमाचल प्रदेश का क्षेत्रफल 10,451 वर्ग मील और जनसंख्या 9,83,367 थी। वर्ष 1950 को हिमाचल को ‘सी’ स्टेट का राज्य का दर्जा देकर विधानसभा के गठन का प्रावधान कर दिया गया।
मार्च 1952 में डॉ. परमार ने इस प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की और अपने तीन सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया। जुलाई 1954 में बिलासपुर को हिमाचल में मिलाकर इसे प्रदेश का पांचवां जिला बनाया गया। 1956 में ‘स्टेट्स रिआर्गेनाइजेशन एक्ट’ लागू होने के बाद 31 अक्तूबर 1956 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा समाप्त करके उसकी जगह यहां टेरिटोरियल काउंसिल बना दी गई।
पहली नवंबर, 1956 को हिमाचल प्रदेश केंद्र शासित राज्य बना। वर्ष 1963 में ‘गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटोरीज एक्ट’ पास करके पहली जुलाई 1963 को टेरिटोरियल काउंसिल को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में परिवर्तित किया गया। परिणामस्वरूप डॉ. वाईएस परमार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने।
सन 1966 में ‘पंजाब स्टेट्स पुनर्गठन एक्ट’ पास किया गया और कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, शिमला, नालागढ़, कंडाघाट, डलहौजी आदि क्षेत्र हिमाचल में शामिल किए गए। इससे हिमाचल का क्षेत्रफल 55,673 वर्ग किलोमीटर हो गया। इसके बाद भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषायी पुनर्मिलन तो हो गया लेकिन इस प्रदेश के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना अभी शेष था।
25 जनवरी 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने स्वयं शिमला आकर यहां के ऐतिहासिक रिज मैदान में एकत्रित हजारों हिमाचलवासियों के बीच हिमाचल को पूर्ण राज्य प्रदान करने की घोषणा की। इस तरह हिमाचल प्रदेश भारत का 18वां राज्य बन गया।