धर्मशाला। अगर हौसले बुलंद हो तो कोई बाधा आपको रोक नहीं सकती है। दिव्यांगता भी मुकाम हासिल करने में आड़े नहीं आती है। ऐसा ही कर दिखाया धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के योल निवासी 30 वर्षीय रेणु देवी पुत्री मोहब्बत सिंह ने।
रेणु बिल्कुल भी सुन नहीं सकती हैं और ठीक से बात भी नहीं कर सकती हैं। रेणु देवी ने कठिन मेहनत से एम कॉम में दो गोल्ड मेडल हासिल किए है। ये मेडल उन्हें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों मिले हैं। पर अब यह दिव्यांग बेटी गोल्ड मेडल वापस करना चाहती हैं। रेणु देवी का कहना है कि अगर नौकरी ही नहीं तो इन गोल्ड मेडल का क्या करना।
रेणु देवी अपने पिता मोहब्बत सिंह के साथ वीरवार को धर्मशाला के तपोवन में शीतकालीन सत्र के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर नौकरी देने या गोल्ड मेडल वापस करने की पेशकश करने पहुंची।
मीडिया से बातचीत में रेणु देवी ने कहा कि मैंने इतनी मेहनत से पढ़ाई की है। स्कूल और कॉलेज के टीचर ने अच्छे से पढ़ाई करवाई, जिससे मैंने यह मुकाम पाया है, लेकिन गोल्ड मेडल का मुझे क्या फायदा है। मैं इन्हें सीएम सर को ही वापस कर देना चाहती हूं। उन्हें जॉब देने का वादा किया, लेकिन जॉब नहीं मिली।
उन्होंने बैंक सहित अन्य सरकारी जॉब के लिए पेपर दिए। परीक्षा पास भी की, फाइनल प्रक्रिया तक भी पहुंची। पर दिव्यांग के लिए एक या दो वेकेंसी होती हैं, जिसमें नौकरी हासिल करना आसान नहीं है। उन्होंने सवाल किया है कि ऐसा ही क्यों होता है। ज्यादा वेकेंसी होनी चाहिए, एक दो वेकेंसी क्यों होती हैं। बाकी के लिए काफी वेकेंसी होती हैं। हम भी तो मेहनत करते हैं।
रेणु देवी के पिता मोहब्बत सिंह ने कहा कि उनकी बेटी को जून 2016 में गोल्ड मेडल मिले। पर अब 2024 आ गया है, लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली है। अब उनकी बेटी मेंटली डिस्टर्ब होने लगी है। कहती है कि पापा मैंने इतना पढ़ा, एम कॉम की। मैंने नहीं रखने सर्टिफिकेट और मेडल। हो सकता तो मैं सीएम साहब को वापस कर दूंगी।
अगर सीएम वापस नहीं लेते हैं तो दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलकर उन्हें वापस कर दूंगी और कहूंगी मुझे नहीं चाहिए। बेटी कहती है मेरे जैसे दिव्यांग, जिसे कान से सुनाई नहीं देता है को टॉप करने के बाद भी नौकरी नहीं मिल सकती है, तो जो सुन बोल सकते हैं, उनका भविष्य क्या होगा। वापस करने हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय भी सीएम से मिले थे। उन्होंने पैसों से मदद की थी। हमने कहा था कि हमें पैसा नहीं, नौकरी चाहिए।
बता दें कि मोहब्बत सिंह की तीन बेटियां हैं और एक बेटा है। रेणु दूसरे नंबर की है। सबसे बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। रेणु से छोटी एक बहन और भाई है।