कांगड़ा : अरुणाचल प्रदेश में शहीद रोहित कुमार पंचतत्व में विलीन, बहन ने दी मुखाग्नि
ewn24news choice of himachal 04 Jan,2024 2:07 pm
परिजनों और गांव वालों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई
लंज। कांगड़ा जिला के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत लंज खास का जवान रोहित कुमार पंचतत्व में विलीन हो गया। अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा पर देश सेवा के दौरान जान गंवाने वाले शहीद रोहित कुमार का अंतिम संस्कार गुरुवार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
इस दौरान परिजनों और गांव वालों ने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी। युवाओं ने रानीताल से लेकर शहीद के घर तक क्षेत्र के युवाओं ने शहीदी रैली निकाली। साथ ही अंतिम धाम पर आरटी बटालियन द्वारा सलामी दी गई।
रोहित की बहन रीता देवी ने अपने भाई को मुखाग्नि दी। एडीसी कांगड़ा रोहित जस्सल, तहसीलदार कांगड़ा मोहित रतन, पंचायत प्रधान रेखा देवी और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
गुरुवार सुबह जब रोहित कुमार की पार्थिव देह लंज खास पहुंची तो हर तरफ "रोहित कुमार अमर रहे" और "जब तक सूरज चांद रहेगा रोहित तुम्हारा नाम रहेगा" के नारे गूंज उठे। रोहित की मां अपने लाल को तिरंगे में लिपटा देख खुद को संभाल नहीं पाईं और फूट-फूट कर रोने लगीं।
बता दें कि रोहित कुमार अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा पर शहीद हुआ। अटलरी बटालियन में तैनात 25 वर्षीय रोहित कुमार का ड्यूटी के दौरान ग्लेशियर पर पैर फिसला और वह गहरी खाई में जा गिरा।
जब तक उसको वहां से निकाला गया तब तक रोहित शहीद हो चुका था। रोहित को परिजनों को फोन के माध्यम से जब ये सूचना मिली तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। जवान की मौत की खबर से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।
शहीद रोहित कुमार की प्रारंभिक शिक्षा लंज स्कूल से हुई थी। रोहित कुमार वर्ष 2018 में भारतीय सेना में भर्ती हुए था और पूर्वोत्तर अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा पर ड्यूटी पर तैनात था।
जवान रोहित कुमार की अभी शादी नहीं हुई थी। रोहित के घर में उनकी मां और बहन है। पति द्वारा तलाक दिए जाने के बाद उनकी माता रानी देवी ने बेटे रोहित कुमार व बेटी रीता देवी को मायके में रहते हुए लोगों के घरों में काम करके तथा मनरेगा में मजदूरी करके बड़ी मुश्किल से पाला था।
अपनी मां की मेहनत को देखते हुए व अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए रोहित कुमार वर्ष 2018 में आरटी में बतौर सैनिक पालमपुर में भर्ती हो गया। रोहित के सेना में भर्ती होने पर परिवार को काफी उम्मीदें थीं।
रोहित के मामा ने बताया कि रोहित 3 नवंबर को छुट्टी काट कर गया था। अगली छुट्टी में आलीशान मकान बनाने का सपना दिखाकर घर से निकले रोहित कुमार का सपना अधूरा ही रह गया।
शहीद के मामा शमशेर ने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि घर को चलाने वाला चिराग नहीं रहा। अब परिवार का गुजारा चला पाना मुश्किल है। साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार व विधायक केवल पठानिया के समक्ष मांग उठाई है कि शहीद की बहन को किसी नौकरी का प्रावधान किया जाए।
प्रशासन की तरफ से एडीसी कांगड़ा सौरभ जसल, डीएसपी कांगड़ा अंकित शर्मा, तहसीलदार कांगड़ा मोहित रत्न, सरकार की तरफ से केवल सिंह पठनिया के भाई डॉक्टर सुनीत पठनिया, पूर्व सैनिक लीग ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल कैप्टन वंदराल, सोशल मीडिया अध्यक्ष विनय ठाकुरआदि शहीद के अंतिम संस्कार के दौरान पहुंचे।
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