शिमला। हिमाचल की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मानसून सत्र के दौरान बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री, मंत्री और सीपीएस दो महीने तक वेतन-भत्ते नहीं लेंगे।
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में वेतन व भत्ते दो माह के लिए विलंबित करने की घोषणा की है। उन्होंने सभी विधायकों से भी स्वेच्छा के आधार पर वेतन-भत्ते विलंबित करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने सदन में जानकारी दी है कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। इसके कई कारण है। Revenue Deficit Grant जो वर्ष 2023-24 में 8058 करोड़ रुपए थी, वह इस वर्ष 1800 करोड़ रुपए कम होकर 6258 करोड़ रुपए हो गई है।
अगले वर्ष 2025-26 में यह 3000 करोड़ रुपए और कम कर 3257 करोड़ रुपए रह जाएगी। PDNA की लगभग 9042 करोड़ रुपए की राशि में से केंद्र सरकार से अभी तक कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। एनपीएस अंशदान के लगभग 9200 करोड़ रुपए PFRDA से प्राप्त नहीं हुए हैं, जिसका हम केंद्र सरकार से कई बार अनुरोध कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी मुआवजा जून 2022 के बाद मिलना बंद हो गया है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 2500-3000 करोड़ की आय कम हो गई है। ओपीएस बहाल करने के कारण हमारी उधार (Borrowing) भी लगभग 2000 करोड़ से कम कर दी गई है। इन परिस्थितियों से पार पाना आसान नहीं है।
प्रदेश सरकार की आय बढ़ाने और Unproductive Expenditure कम करने का प्रयास किया है। इन प्रयासों के परिणाम आने में समय लगेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल की विषम वित्तीय परिस्थिति के दृष्टिगत वह अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों और मुख्य संसदीय सचिवों सहित अपने वेतन एवं भत्ते दो माह तक विलंबित करते हैं। मैं माननीय सदस्यों से भी अपने वेतन और भत्ते स्वेच्छा से विलंबित करने का आग्रह करता हूं।