सर्दियों के मौसम के लिए प्रशासन अलर्ट, डीसी ने की बैठक
धर्मशाला। हिमाचल के
कांगड़ा जिला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में
भारी बर्फबारी होने की स्थिति से निपटने को लेकर तैयारी शूरू कर दी है। स्थानीय स्तर पर ‘आपदा मित्र’ के तौर पर प्रशिक्षित लोग इसमें अहम भूमिका निभाएंगे। साथ ही
मैक्लोडगंज क्षेत्र में किसी आपात स्थिति में त्वरित सहायता दल को रोप वे के माध्यम से भेजा जाएगा।
डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने पूर्व तैयारी के तौर पर बर्फबारी वाले क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों एवं आवश्यक जीवन रक्षक दवाओं के पर्याप्त भंडारण व उपलब्धता सुनिश्चत बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सामान्यतः जिला का बड़ा एवं छोटा भंगाल क्षेत्र व मैक्लोडगंज क्षेत्र बर्फबारी से प्रभावित होता है। इन क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों के पर्याप्त भंडारण और आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध करवाने के अलावा जरूरी मशीनरी तैयार रखी गई है।
डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने सर्दियों के दौरान जिले में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में संभावित हिमपात एवं इसके चलते उत्पन्न होने वाली किसी भी आपात स्थिति से बेहतर तरीके से निपटने और प्राकृतिक आपदा के बेहतर प्रबंधन के लिए संबंधित विभागों की पूर्व तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने मंगलवार को उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर सर्दियों के
मौसम में भारी बर्फबारी व उससे होने वाले नुकसान की स्थिति से निपटने के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने संबंधित विभागों को शीतऋतु में किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति होने पर जन-धन की सुरक्षा के लिए पर्याप्त पूर्व प्रबन्ध करने और सभी अधिकारियों को पूरी तरह मुस्तैद रहने को कहा है।
डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि आपात स्थिति में लोगों को हर सहायता उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से डीसी ऑफिस
धर्मशाला में एक स्थायी आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित किया गया है। 24 घंटे क्रियाशील रहने वाले इस संचालन केंद्र का फोन नंबर 1077 है। उन्होंने सभी उपमंडल कार्यालयों में भी आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित करने एवं उन्हें सुचारू बनाने को कहा।
डॉ. निपुण जिंदल ने इस दौरान जिले के सभी उपमंडलाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़कर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से संबंधित क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों सहित सभी लोगों को खराब मौसम में ज्यादा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न जाने व
ट्रैकिंग न करने को लेकर उपयुक्त कदम उठाने को कहा। उन्होंने कहा कि होटल मालिकों और टूरिस्ट गाइड्स का भी इसमें सहयोग लें।
उन्होंने सभी उपमंडलाधिकरियों को अपने यहां आपदा प्रबंधन को लेकर सभी आवश्यक वस्तुओं एवं राहत बचाव कार्यों में उपयोग आने वाले यंत्र व उपकरणों की पूरी व्यवस्था के भी निर्देश दिए। उन्होंने उपमंडलाधिकारियों को भारी बर्फबारी के दौरान प्रशासन द्वारा स्थानीय स्तर पर ‘आपदा मित्र’ के तौर पर प्रशिक्षित लोगों की सेवाएं लेने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि संबंधित क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में आपदा मित्र की उपलब्धता को लेकर पहले ही सूची बना लें, ताकि आवश्यकता पर उनकी सेवाएं ली जा सकें।
उन्होंने जल शक्ति विभाग और
अग्निशमन विभाग को जिले में फायर हाइड्रेंट्स की मैपिंग करने को कहा। लोक निर्माण विभाग को बर्फबारी की स्थिति में रास्ते बहाल करने व अन्य प्रबंधों के लिए मशीनरी तैयार रखने के निर्देश दिए। उन्होंने मैक्लोडगंज क्षेत्र में किसी आपात स्थिति में त्वरित सहायता दल को रोप वे के माध्यम से भेजने को लेकर पूर्व तैयारी रखने को कहा। बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी रोहित राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्री सिंह, एसडीएम धर्मशाला शिल्पी बेक्टा, सभी उपमंडलों के एसडीएम, आरएम धर्मशाला राजन कुमार, होम गार्ड के कमांडैंट सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।