रेखा चंदेल/झंडूता। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला में झंडूता विधानसभा क्षेत्र के बरठीं में नाबालिग बेटी की खुदकुशी की खबर से मां-बाप पहले से ही आहत थे उनकी मुसीबत उस समय बढ़ गई जब वह बेटी की देह को घर ले जाने का इंतजाम भी नहीं कर पा रहे थे।
घुमारवीं अस्पताल से यूपी के मुरादाबाद तक शव को पहुंचाना सतीश और उसकी पत्नी के लिए बेहद मुश्किल था। 500 किलोमीटर दूर जाने के लिए 13000 रुपए देने थे जो कि उनके पास नहीं थे।
ऐसे समय पर बेबस मां-बाप की मदद को आगे आए नेहा मानव सेवा सोसाइटी घुमारवीं के संस्थापक पवन बरूर। वह अस्पताल पहुंचे और मोहाली से शव वाहन मंगवाया गया। नेहा मानव सेवा सोसाइटी ने इसका सारा खर्च वहन किया और वाहन में नाबालिग की देह और मां-बाप को यूपी रवाना किया। मां-बाप की आंखों में केवल आंसू और उनके देने के लिए आशीर्वाद ही था।
बता दें कि झंडूता विधानसभा क्षेत्र के बरठीं में त्रिमूर्ति मंदिर के पास 16 साल की इस प्रवासी लड़की ने फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। लड़की परिजनों के साथ बरठीं में किराए के मकान में रह रही थी। परिजनों को जैसे ही पता चला वे स्थानीय लोगों की मदद से नाबालिग को सिविल अस्पताल बरठीं लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस थाना तलाई की टीम मौके पर पहुंची और मामला दर्ज कर लिया है। मामले में आगे कार्रवाई जारी है। आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस आगामी जांच में जुट गई है।