राधिका ठाकुर/मंडी। ब्यास नदी पर झूला पुल, घिस चुका व गांठों से जोड़ा हुआ रस्सा और खतरनाक ढांक, ऐसे रास्ते से स्कूल छात्रों को स्कूल से आना और जाना पड़ रहा है। मामला मंडी जिला के कून का तर का है।
जोगिंदर नगर व कोटली को जोड़ने वाले कून का तर में पुल का निर्माण कार्य हो रहा है। निर्माण कार्य के चलते पैदल रास्ता बिल्कुल ही बंद हो चुका है। स्कूल छात्रों और अन्य लोगों के लिए आने-जाने को झूला पुल ही सहारा है।
बता दें कि पिछले वर्ष 9 जुलाई, 2023 को भारी बाढ़ के चलते यह डबल लेन पुल बह गया था। उस वक्त से ही नदी के आर-पार आने-जाने के लिए ट्रैफिक की आवाजाही पूरी तरह से बंद है। हजारों लोग तब से ही मुसीबत झेल रहे हैं।
स्कूली छात्रों और उनके अभिभावकों ने बताया कि ब्यास नदी के ऊपर जो झूला लगाया गया है, वह बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है। यह झूला कई बार बीच नदी के ऊपर अटक जाता है। खतरनाक बात यह है कि इस झूले में लगा रस्सा घिस चुका है और इसको गांठों से जोड़ा गया है। इससे हर समय खतरा बना रहता है।
पुल का निर्माण कार्य शुरू तो हो गया है, लेकिन जेसीबी की खुदाई से जो मलबा गिर रहा है, उससे पैदल चलने वाला रास्ता बिल्कुल बंद हो चुका है। खतरनाक ढांक से हो कर बच्चों को स्कूल पैदल आना-जाना पड़ता है, जिसमें हर समय जान का जोखिम बना रहता है।
वहीं, जोगिंदर नगर व कोटली को जोड़ने वाले कून का तर पुल का निर्माण कार्य आरंभ होने पर साइट का जायजा लेने और निर्माण कार्य से पैदल रास्ता बिल्कुल बंद होने एवं झूला पार करते हुए स्कूली छात्रों और अन्य लोगों को आ रही समस्याओं को जानने के लिए किसान सभा राज्य उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ने कून का तर का दौरा किया। राहगीरों व स्कूली छात्रों की समस्याओं को सुना।
सूबेदार ज्योति प्रकाश ठाकुर व हवलदार सुंदर सिंह ठाकुर ने बताया कि उन्होंने कई बार पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से रस्सा बदलने और बीच-बीच में जेसीबी से मलबा हटाने का अनुरोध किया था। बार-बार अनुरोध के बाद भी उनकी बात नहीं सुनी जा रही है। झूला पुल, रास्ते को ठीक करवाने और पुल का निर्माण कार्य जल्दी पूरा करवाने की लड़ाई में भी क्षेत्र की जनता साथ देगी।
किसान सभा राज्य उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ने कहा कि किसी भी दुर्घटना को टालने के लिए झूले के रस्से को तुरंत बदलने तथा नदी के दूसरे छोर कून की तरफ के रास्ते को जेसीबी से ठीक करने की आवश्यकता है, ताकि किसी को भी ढांक से होकर आते-जाते नदी में गिरने का जोखिम न उठाना पड़े।
हालांकि, उन्होंने 17 महीने बाद पुल का निर्माण कार्य शुरू होने पर समस्त जनता को बधाई देते हुए कहा कि यह हम सबके एकजुट संघर्ष और दबाव से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि नदी के एक छोर पर लगी जेसीबी से काम नहीं चलेगा और यदि पुल को जल्दी तैयार करना है तो नदी के दोनों किनारों पर एक साथ काम चलाया जाए।
कुशाल भारद्वाज ने बताया कि जब यह पुल बहा था, तो उन्होंने स्वयं मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यहां तुरंत ट्रैफिक ब्रिज के निर्माण और फौरी तौर पर वैली ब्रिज स्थापित करने की मांग की थी। जिला परिषद की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया था।
लोगों को साथ ले जाकर किसान सभा के माध्यम से भी मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिए थे और स्वयं भी कई बार घटनास्थल का दौरा किया था। उन्होंने मांग की कि मार्च से पहले वाहनों के आवागमन के लिए इस पुल को पूरी तरह से तैयार किया जाए।
कुशाल भारद्वाज ने यह भी मांग की है कि कून का तर से भेड़पाधर तक सड़क की टायरिंग पूरी तरह से उखड़ चुकी है तथा यहां पर वाहन चलाना बहुत ही मुश्किल हो रहा है। अतः इस सड़क की पुनः टायरिंग करवाई जाए।