धर्मशाला। आम आदमी के लिए एक राहत भरी खबर है। टांडा मेडिकल कॉलेज में जल्द एक करोड़ की एक्सरे मशीन लगाई जाएगी।
टांडा मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ मिलाप शर्मा ने बताया कि नई एक्सरे मशीन के लिए राज्य सरकार ने एक करोड़ की राशि की स्वीकृति दी है और जल्द नई एक्सरे मशीन कार्य करना शुरू कर देगी।
इसके साथ टांडा अस्पताल में अन्य विभागों में भी नई मशीनें व स्टाफ की कमी को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि टांडा अस्पताल में सालभर में 6 लाख से अधिक मरीजों का उपचार किया जाता है जिसमें 70 हजार से ज्यादा इनडोर मरीज शामिल हैं और वर्तमान में 12 ऑपरेशन थिएटर अस्पताल में कार्य कर रहे हैं।
टांडा अस्पताल में डिलीवरी जन्म रेट प्रदेश के अन्य अस्पतालों से कहीं अधिक है। इसके साथ गर्व की बात है की प्रदेश में टांडा अस्पताल ने सबसे पहले रिनल ट्रांसप्लांट शुरू किया है। छः महीनों के अंदर ही टांडा अस्पताल ने 11 रिनल ट्रांसप्लांट कर इतिहास रचा है।
टांडा मेडिकल कॉलेज में लगभग 140 से ज्यादा मरीजों के डायलिसिस किए जाते हैं। टांडा मेडिकल कॉलेज के पास 15 डायलिसिस की मशीनें कार्य कर रही हैं। साथ में कैबिनेट रैंक आरएस बाली ने 15 अन्य मशीनें उपलब्ध करवाने की भी बात की है। पोइजनिंग डायलिसिस की मशीन भी जल्द खरीदी जा रही है।
बात एक्सरे मशीनों की करें तो टांडा अस्पताल में 6 पोर्टेबल एक्सरे मशीनें हैं। इसके अतिरिक्त दो 800 एम ए (65 केवी) की मशीनें हैं जो अभी तक कार्य कर रही थी लेकिन उनमें खराबी आने की वजह से टांडा अस्पताल को एक्सरे करने में परेशानियां सामने आई हैं।
लेकिन दो पोर्टेबल मशीनों को शिफ्ट कर दिया गया है और एक मशीन को आज ही शिफ्ट किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त इन सभी एक्सरे मशीनों को शीघ्र ही ठीक कर दिया जाएगा ताकि मरीजों को परेशानियां ना झेलनी पड़ें।
इस प्रेस वार्ता में टांडा मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ मिलाप शर्मा, एडिशनल डायरेक्टर डॉ मेजर अवनिंदर कुमार, मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ विवेक बनयाल, सीटीवीएस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ देश बंधु शर्मा, प्रिंसिपल के पी ए संदीप डोगरा मौजूद रहे।