ऋषि महाजन/नूरपुर। कांगड़ा जिला के जसूर कस्बा में भीख मांगते बचपन ने लोगों को चिंता में डाल दिया। इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर हाल ही में क्षेत्र के कुछ बुद्धिजीवियों और समाजसेवियों ने डीएसपी नूरपुर विशाल वर्मा से मुलाकात कर चिंता व्यक्त की। पुलिस और चाइल्ड हेल्पलाइन ने मामले पर कार्रवाई करते हुए पांच बच्चों को रेस्क्यू किया और उन्हें होम शेल्टर धर्मशाला भेजा जा रहा है।
बता दें कि जसूर कस्बा में छोटे-छोटे बच्चे सड़कों पर, दुकानों के बाहर और यहां तक कि चलती गाड़ियों के पास जाकर भीख मांगते नजर आ रहे थे। यह नजारा न केवल आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया था, बल्कि इन मासूम बच्चों की जान पर भी खतरा मंडरा रहा था। बाजार में आने वाले स्थानीय लोग और दुकानदारों ने इस स्थिति को लेकर गहरी चिंता जताई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ये बच्चे ज्यादातर जसूर कस्बे के किनारे बसे च झुग्गी झोपड़ी वाले परिवारों से संबंधित हैं। उनके मां-बाप खुद सड़क किनारे बैठकर बच्चों को आगे भेज देते हैं ताकि वे बाजार और गाड़ियों के पास जाकर भीख मांग सकें। बच्चों का इस तरह से व्यस्त सड़कों पर भागना न केवल ट्रैफिक बाधित करता है, बल्कि किसी बड़े हादसे की आशंका भी हमेशा बनी रहती है।
इस संवेदनशील मुद्दे को लेकर हाल ही में क्षेत्र के कुछ बुद्धिजीवियों और समाजसेवियों ने डीएसपी नूरपुर विशाल वर्मा से मुलाकात कर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता जताई और प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की। डीएसपी विशाल वर्मा ने उन्हें आश्वासन दिया कि मामले को गंभीरता से लिया। इसकी सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन कार्यालय को भेजी गई। पुलिस विभाग भी अपने स्तर पर भी कार्रवाई की। इस संदर्भ में जब स्थानीय सीडीपीओ अधिकारी सुमित कुमार से भी संपर्क किया गया।
मामले में कार्रवाई करते हुए विभाग, पुलिस, चाइल्ड हेल्पलाइन ने पांच बच्चों को अपने अधिकार क्षेत्र में लिया है तो उन्हें होम शेल्टर धर्मशाला भेजा जा रहा है। इसकी पुष्टि डीएसपी नूरपुर विशाल वर्मा ने की है।