नई दिल्ली। भारत में एक ही दिन में सोमवार को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के पांच मामले सामने आए हैं। कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पांच शिशुओं में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) की पुष्टि हुई है।
इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि HMPV से घबराने की बात नहीं है और हम इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। नड्डा ने बताया कि ये कोई नया वायरस नहीं है और इसकी पहचान सबसे पहले 2001 में की गई थी।
उन्होंने कहा कि हम तैयार हैं और सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। चीन में पाए गए इस वायरस की पहचान भारत में भी की गई है, जहां कर्नाटक, कोलकाता और गुजरात में इससे संक्रमित मरीज पाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने एक्सपर्ट के हवाले से स्पष्ट किया कि HMPV कई सालों से पूरी दुनिया में फैल रहा है।
HMPV सांस के जरिए, हवा के जरिए फैलता है। यह सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह वायरस सर्दियों और मौसम बदलने के शुरुआती महीनों में ज्यादा फैलता है।
चीन में HMPV के मामलों की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य मंत्रालय, ICMR और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र चीन के साथ-साथ पड़ोसी देशों में स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने एक बयान में कहा कि हालात की समीक्षा के लिए 4 जनवरी को स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह की बैठक हुई।
देश की स्वास्थ्य सिस्टम और निगरानी नेटवर्क सतर्क हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि देश किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार है। चिंता करने की कोई बात नहीं है। हम स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
वहीं, हिमाचल सरकार ने प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है। मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने इसको लेकर हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव के साथ बैठक की। इसके बाद स्वास्थ्य सचिव ने मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों को वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया। बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले लोगों पर नजर रखने को कहा गया है।
HMPV वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, जिसके बारे में पहली बार 2001 में पता चला था। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से संक्रमित व्यक्ति में बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, तेजी से सांस लेना, पसीना आना और ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और भूख न लगना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का संक्रमण आमतौर पर 11 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है।