शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम ( HPTDC) कार्यालय को शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित करने की संभावनाएं तलाश रही है।
एचपीटीडीसी के कामकाज की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि कांगड़ा जिले को राज्य की पर्यटन राजधानी घोषित गया है और यह कदम जिले में पर्यटन क्षमता का दोहन करने में बेहद मददगार साबित होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की पहल और निगम के कर्मचारियों के समर्पित प्रयासों से निगम ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान उच्चतम 105 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार एचपीटीडीसी को आर्थिक तौर पर संपन्न और व्यवहारिक संगठन बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास निगम की 11 प्रमुख संपत्तियों के जीर्णोद्धार एवं पुनरुद्धार के लिए 250 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है तथा यह कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटलों के कमरों की बुकिंग के लिए मेक माई ट्रिप, क्लियर ट्रिप आदि अग्रणी ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म के साथ मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के रेस्तरां की पहुंच बढ़ाने के लिए स्विगी और जोमैटो के साथ समन्वय करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम को पायलट आधार पर पांच संपत्तियों में पंचकर्म स्वास्थ्य सुविधाएं शुरू करने के लिए आयुष विभाग के साथ समन्वय करना चाहिए, ताकि पर्यटकों को प्रदेश में बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
मुख्यमंत्री ने पर्यटकों को आकर्षित करने वाले और अधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में फूड ट्रक चलाने की संभावनाएं तलाशने तथा मनाली में फ्लाइंग डाइनिंग और ग्लास रेस्तरां स्थापित करने पर विचार करने को कहा।
उन्होंने आगंतुकों के लिए विविध व्यंजन परोसने के भी निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुबीर सिंह बाली, विधायक सुदर्शन बबलू, प्रधान सचिव पर्यटन देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार और निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।