शिमला। हिमाचल प्रदेश में संजौली मस्जिद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब देवभूमि संघर्ष समिति ने दावा किया है कि संजौली की मस्जिद पूरी की पूरी अवैध है और सरकारी जमीन पर बनी है।
देवभूमि संघर्ष समिति की ओर से इस मामले में स्थानीय पक्ष के वकील जगतपाल ने रेवेन्यू रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ होने की संभावना जताई है।
उन्होंने कहा कि अब तक के रेवेन्यू रिकॉर्ड और जमाबंदी में जमीन का मालिकाना हक हिमाचल सरकार के पास है।
ऐसे में वक्फ बोर्ड की ओर से रेवेन्यू रिकॉर्ड पेश करने के लिए समय मांगा जाना शक पैदा करता है।
जगतपाल ने नगर निगम आयुक्त की अदालत पर उच्च न्यायालय के आदेश की अवज्ञा का आरोप लगाया है।
मामले पर जल्द निर्णय न होने को लेकर अधिवक्ता जगतपाल ने मामले पर हाईकोर्ट जाने की भी बात कही है।
वहीं, देवभूमि संघर्ष समिति के प्रांत सचिव विजेंद्र पाल सिंह ने कहा कि संजौली मस्जिद को लेकर देवभूमि का आंदोलन हिंसक नहीं था।
मामले में कुछ लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि अभी देवभूमि संघर्ष समिति भी न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रही है।
उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड जैसे विभिन्न राज्यों में सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माण को तुरंत हटाने के आदेश दिए जाते हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश में दस्तावेजों से यह साबित होता है कि मस्जिद अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर बनी है।
लिहाजा जल्द से जल्द अवैध निर्माण को हटाया जाए। विजेंद्र पाल ने कहा कि देवभूमि संघर्ष समिति 15 मार्च को न्यायालय के निर्णय के बाद आगे का रुख तय करेगी।