16 सितंबर से आसमान में फिर उड़ेंगे मानव परिंदे, पहाड़ों की सैर कर सकेंगे पर्यटक
ewn24news choice of himachal 10 Sep,2023 7:02 pm
कांगड़ा जिला में फिर से शुरू होंगी साहसिक गतिविधियां
धर्मशाला। इस बार मानसून ने हिमाचल को जो जख्म दिए उनके भरने का समय आ गया है। अब एक बार फिर हिमाचल में पर्यटकों की चहल कदमी शुरू हो गई है जिसके कारोबारियों के चेहरे फिर से खिल उठे हैं। एक और अच्छी खबर ये है कि कांगड़ा जिला में फिर से साहसिक गतिविधियां शुरू होने जा रही हैं। आसमान में फिर मानव परिंदे उड़ते नजर आएंगे।
विभाग पर्यटन उद्योग से जुड़ी सभी गतिविधियों को एक साथ खोलने जा रहा है। 16 सितंबर से पर्यटक पैराग्लाइडिंग का लुत्फ उठा पाएंगे। इसी के साथ सभी ट्रैकिंग रूटों को भी पर्यटकों के लिए खोला जाएगा यानी पर्यटक पहाड़ों की सैर भी कर सकेंगे।
कांगड़ा के जिला पर्यटन विकास अधिकारी विनय धीमान ने बताया कि पैराग्लाइडिंग साइटों और धौलाधार के सभी ट्रैकिंग रूटों को 16 सितंबर से खोल दिया जाएगा। अब मौसम भी खुल गया है और इन गतिविधियों के शुरू होने से पर्यटन कारोबार बढ़ेगा और लोगों को रोजगार भी घर-द्वार पर मिलेगा।
पर्यटकों की सुरक्षा के लिहाज से अभी तक ये सभी गतिविधियां बरसात के साथ ही बंद कर दी गई थीं ताकि किसी भी तरह की अनहोनी न हो। इन गतिविधियों के शुरू होने से पहाड़ पर पर्यटन कारोबार फिर से तेजी पकड़ेगा जिसका लाभ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को मिलेगा।
गौर हो कि बरसात के चलते पैराग्लाइडिंग समेत ट्रैकिंग से जुड़ी गतिविधियों को पर्यटन विभाग ने जिला प्रशासन के माध्यम से बंद करवा दिया था। हालांकि, भारी बरसात में भूस्खलन और मार्गों के क्षतिग्रस्त होने के बाद पर्यटकों ने भी पहाड़ पर घूमने से किनारा कर लिया था। अब मौसम खुलने के साथ पर्यटकों ने भी पहाड़ का रुख करना शुरू कर दिया है।
बता दें कि कांगड़ा जिला में तीन पैराग्लाइडिंग साइट्स हैं। इनमें बैजनाथ स्थित बीड़-बिलिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर की साइट है जबकि धर्मशाला में इंद्रुनाग और नरवाणा दो अन्य साइट हैं जहां पैराग्लाइडिंग से संबंधित गतिविधियां संचालित की जाती हैं। अब मौजूदा समय में 17 पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन हो चुकी हैं, जोकि पर्यटन विभाग के पास पंजीकृत हैं।
शाहपुर के धारकंडी से लेकर बैजनाथ के बड़ा भंगाल तक धौलाधार की पहाड़ियों में 17 ट्रैकिंग स्थल हैं, जोकि बाकायदा पर्यटन विभाग की ओर से चिंहित किए गए हैं। इनमें सरल, कुछ जोखिम और जोखिम भरे ट्रैकिंग स्थल भी हैं।