पालमपुर कारोबारी मामला : डीजीपी संजय कुंडू की बढ़ी मुश्किलें, हाईकोर्ट ने दिए FIR के आदेश
ewn24news choice of himachal 16 Nov,2023 2:22 pm
कारोबारी निशांत की मेल पर हाईकोर्ट ने लिया है स्वत: संज्ञान
शिमला। पालमपुर के कारोबारी निशांत शर्मा मामले पर हिमाचल हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। मामले को लेकर गुरुवार को सुनवाई हुई। मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कांगड़ा एसपी को मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं साथ ही अगली सुनवाई 22 नवंबर को रखी गई है।
हिमाचल हाईकोर्ट में महाधिवक्ता अनूप रतन ने बताया कि कोर्ट ने कहा कि जब कोई व्यक्ति शिकायत करता है तो FIR करना जरूरी होता है। कारोबारी की शिकायत पर दर्ज की जाएगी साथ ही सुरक्षा मुहैया करवाने के भी आदेश दिए हैं। आज एसपी कांगड़ा और एसपी शिमला ने स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष रखी। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने शिकायतकर्ता के पक्ष में एक वरिष्ठ वकील की भी नियुक्ति की है। अब इस मामले में FIR दर्ज करवाने का पूर्ण आश्वासन दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में इस हाई प्रोफाइल मामले में डीजीपी संजय कुंडू भी सवालों के घेरे में हैं। पालमपुर के कारोबारी निशांत शर्मा ने डीजीपी संजय कुंडू के खिलाफ भी ई मेल से शिकायत दी है। इसी ईमेल पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने जवाब तलब किया था।
कारोबारी निशांत शर्मा के मुताबिक उन पर गुरुग्राम में हमला हुआ। जिसकी एफआईआर भी गुरुग्राम में दर्ज करवाई गई है। इसके बाद मैक्लोडगंज में उनको मामला वापिस लेने के लिए दो लोगों द्वारा धमकाया गया। कारोबारी निशांत शर्मा का कहना है कि इसी बीच उन्हें डीजीपी कार्यालय से 14 बार फोन किया गया। जब उन्होंने डीजीपी से बात की तो उन्हें डीजीपी ने शिमला आने के लिए कहा।
कारोबारी निशांत शर्मा का आरोप है कि जब वह डीजीपी को जानते ही नहीं है तो उन्हें शिमला क्यों बुलाया गया। उन्होंने पालमपुर के डीएसपी और एसएचओ की भूमिका पर भी सवाल उठाया है। निशांत ने कहा कि गुरुग्राम के हमले की ही तरह धर्मशाला में उनको धमकाना, डीजीपी द्वारा फोन करके शिमला बुलाना अपने आप में सवाल खड़े करता है।
क्या है पूरा मामला
पालमपुर से संबंध रखने वाले एक कारोबारी निशांत शर्मा ने आरोप लगाया है कि डीजीपी से उसे जान का खतरा है। संपत्ति से जुड़े एक मामले में निशांत शर्मा पर हमला हो चुका है। निशांत शर्मा ने आरोप लगाया है कि उसे पुलिस मुख्यालय से बार-बार फोन किया जा रहा था और डीजीपी उसे शिमला मिलने के लिए बुला रहे थे।
निशांत शर्मा के अनुसार उसने मेल के माध्यम से डीजीपी से जानना चाहा कि उसे शिमला क्यों बुलाया जा रहा है। इस मेल के बाद डीजीपी संजय कुंडू ने निशांत शर्मा पर छोटा शिमला थाने में एफआईआर दर्ज करवा दी। डीजीपी ने एफआईआर में कहा कि निशांत शर्मा ने उनकी छवि को खराब करने की नीयत से मनगढ़ंत आरोप लगाए हैं।
इस बीच, निशांत शर्मा ने सीएम सहित हिमाचल हाई कोर्ट के सीजे को मेल लिखकर मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया था। हिमाचल सरकार के मुख्य सचिव भी इस मामले में जांच की बात कह चुके हैं। निशांत शर्मा का आरोप है कि कांगड़ा के भागसूनाग में उसका रास्ता रोक कर कुछ लोगों ने धमकी दी थी। कांगड़ा पुलिस ने घटनास्थल का सीसीटीवी फुटेज रिकॉर्ड में लिया है।
वहीं, निशांत शर्मा पर गुड़गांव में भी हमला हो चुका है। उस मामले की जांच हरियाणा पुलिस कर रही है। इस बीच, हाई प्रोफाइल मामले में डीजीपी संजय कुंडू को पद से हटाने की मांग भी की जा रही है। कारोबारी का कहना है कि डीजीपी के पद पर रहते हुए पुलिस की जांच निष्पक्ष नहीं रह सकती।
उधर, डीजीपी ऑफिस से एक प्रेस नोट जारी हुआ है। प्रेस नोट के अनुसार यह 2023 की आपराधिक लिखित याचिका संख्या 14 के संबंध में डीजीपी के खिलाफ प्रसारित कुछ सोशल मीडिया अफवाहों से संबंधित है।
यह स्पष्ट करना है कि डीजीपी अपनी निजी या आधिकारिक क्षमता में न तो एक पक्ष है और न ही प्रतिवादी है। उन्हें कभी भी उच्च न्यायालय द्वारा तलब नहीं किया गया और न ही उनके लिए कोई प्रतिकूल आदेश पारित किया गया। मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है।