Breaking News

  • ज्वालाजी: रैन्खा में सफर जोखिम भरा, सड़क पर कीचड़ से फिसल रहे वाहन
  • हिमाचल सीपीएस मामले में बड़ा फैसला, हाईकोर्ट ने हटाने के दिए आदेश
  • जाम ने सताई राजधानी शिमला, पैदल चलना भी मुश्किल
  • हिमाचल में कल से तीन जिलों में बिगड़ सकता है मौसम- जानें
  • कांगड़ा : वोटर आईडी कार्ड बनाने को स्कूलों में स्थापित होंगे हेल्प डेस्क
  • नगरोटा सूरियां से जवाली 20 मिनट में तय होगा सफर- जानें कैसे
  • नूरपुर : सेवानिवृत्त कर्मियों को तीन माह बाद भी नहीं लगी पेंशन
  • HP TET : चार विषयों के एडमिट कार्ड जारी, करें डाउनलोड
  • HRTC पेंशनर को दिवाली से पहले नहीं पेंशन, शिमला में बोला हल्ला
  • मंडी : अमर रहे के नारों से शहीद राकेश कुमार को अंतिम विदाई

कांगड़ा : आपदा में 9 लोगों की गई जान, नदी-खड्ड में बहने से 5 ने तोड़ा दम

ewn24news choice of himachal 29 Aug,2023 11:32 pm

    लगभग 685 करोड़ रुपए का हुआ नुकसान

     

    धर्मशाला। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य में मूसलाधार बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई अधोसंरचना की बहाली के लिए राज्य के सभी उपायुक्तों और संबंधित विभागों आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मरम्मत एवं रखरखाव कार्यों तथा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए धन की कोई कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही है।

    मंगलवार को स्कूल शिक्षा बोर्ड के सभागार में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने जिला स्तरीय राहत एवं पुनर्वास समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जिला कांगड़ा में आपदा प्रभावितों को 4 करोड़ 10 लाख 47 हजार 959 रुपए की आर्थिक सहायता अभी तक उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा जिले में 863 तरपाल और 15 टेंट प्रशासन द्वारा वितरित किए गए। उन्होंने बताया कि 240 प्रभावित परिवारों को राशन किट्स और खाद्य सामग्री दी गई।
    कांगड़ा : 700 करोड़ रुपए का नुकसान, 1300 मकान क्षतिग्रस्त-400 पूरी तरह ध्वस्त

    डिप्टी सीएम ने बताया कि आपदा के दौरान लोगों की जान को बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता थी। उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में आपदा प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन दिन-रात कार्यरत रहा। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों ब्यास में बढ़ते जलस्तर के चलते पौंग के बहाव क्षेत्र में आने वाले गांवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
    उन्होंने बताया कि इस दौरान सरकार के निर्देशों पर जिला प्रशासन ने अब तक का सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम देते हुए 2923 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। उन्होंने बताया कि केंद्रीय और राज्य बचाव दलों के सहयोग से इंदौरा में 1787, फतेहपुर में 422, धीरा में 144, ज्वालाजी में 179, देहरा में 200, जयसिंहपुर में 39 और नूरपुर में 152 लोगों को सुरक्षित स्थानों में पहुंचाकर उनकी जान को बचाया गया।
    कुल्लू : श्रीखंड महादेव मार्ग अगले आदेशों तक बंद, अवहेलना पर होगी सख्त कार्रवाई

    उन्होंने बताया कि आपदा से जिले में 9 लोगों की मौत भी हुई, जिसमें नदी और खड्डों में बहने से 5 लोग, मलबे में दबने और उंचाई से गिरने से एक-एक तथा सर्पदंश से दो लोगों की जान चली गई। वहीं भारी बारिश से आई आपदा के चलते 66 मवेशियों की भी जान गई।

    डिप्टी सीएम ने बताया कि जिले में आपदा प्रभावितों के लिए सरकार द्वारा 17 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। जिनमें धीरा में 6, ज्वालाजी में 7 तथा जयसिंहपुर, नूरपुर, देहरा और जवाली में एक-एक राहत शिविर फिलहाल चल रहा है। उन्होंने बताया कि इन राहत शिविरों में अभी प्रभावित परिवारों के 500 के करीब लोग रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन राहत शिविरों में लोागों के रहने और खाने की व्यवस्था सरकार और सामाजिक संस्थाओं द्वारा की जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त पौंग बांध क्षेत्र में रेस्क्यू के दौरान इंदौरा और फतेहपुर में भी 5 राहत शिविर लगाए गए थे। जहां लगभग एक हजार लोगों के रहने-खाने के साथ स्वास्थ्य जांच तथा गर्भवती महिलाओं और बच्चें के लिए टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध करवाई गई थी।

    उन्होंने बताया कि जिला कांगड़ा में भारी बरसात के कारण सरकार के विभिन्न विभागों को लगभग 685 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि जिले में लोक निर्माण विभाग को कुल 281.98 करोड़ का नुकसान हुआ। उन्होंने बताया पीडब्ल्यूडी की 353 बाधित हुई सड़कों में से 262 रिस्टोर कर दिया गया है। जल शक्ति विभाग का कुल 303.49 करोड़ का नुकसान हुआ। उन्होंने बताया कि जिले में विभाग की 841 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई थीं, जिनमें में से 513 को रिस्टोर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि बिजली बोर्ड को 48.58 करोड़ का नुकसान हुआ तथा विद्युत सप्लाई की अधिकतम सेवाओं को रिस्टोर कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान कृषि विभाग को 37.11 करोड़, उद्यान विभाग को लगभग 2 करोड़, स्वास्थ्य विभाग को 8 करोड़ तथा शिक्षा विभाग को 3.5 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

    डिप्टी सीएम ने बताया कि पिछले दो महीनों में हुई बरसात में सार्वजनिक संपत्ति और सुविधाओं को सर्वाधिक क्षति पहुंची है। उन्होंने बताया कि यहां पर जन-जीवन को पटरी में लाने के लिए सार्वजनिक सुविधाओं को रिस्टोर करने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सुविधाओं को जल्द से जल्द दुरुस्त करने के लिए निर्देश विभागों को दिए गए हैं।

     




    HRTC बस में दो लैपटॉप का नहीं लगेगा किराया, अतिरिक्त पर चौथा हिस्सा करना होगा अदा

     






    राहत : मंडी के कलहनी में पहुंचा राशन, नगवाईं से दो गर्भवती महिलाएं एयरलिफ्ट


    Breaking : हिमाचल में DElEd CET 2023 काउंसलिंग स्थगित, जानें नई डेट

Himachal Latest

Live video

Jobs/Career

Trending News

  • Crime

  • Accident

  • Politics

  • Education

  • Exam

  • Weather