शिमला। हिमाचल प्रदेश में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कर्ज को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुखविंदर सिंह सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कर्ज का रोना होकर जनता के हितों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सीएम की श्रीलंका के साथ हिमाचल की तुलना गलत है। यह दहशत का माहौल बनाने वाला बयान है। मुख्यमंत्री को इस तरह की बयानबाजी से परहेज करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हिमाचल को आर्थिक पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री 4 साल का समय बता रहे हैं इसके पीछे क्या आधार है उन्हें यह बताना चाहिए। प्रदेश आर्थिक हालात को पटरी पर लाने के लिए चार नही चालीस साल लगेंगे। जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री कर्ज को लेकर जनता के बीच गलत बयानबाजी कर रहे हैं बीजेपी सरकार के समय प्रदेश पर 70 हजार करोड़ का कर्ज था। एरियर डीए सरकार की देनदारियों को कर्ज में जोड़ना सही नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बीजेपी से दोगुना समय कांग्रेस की सरकार रही है। प्रदेश पर पड़े कर्ज के बोझ के लिए लोन ज्यादा समय शासन करने वाली सरकार जिम्मेदार है। वन्ही जयराम ठाकुर ने को बंद करने को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद करके अपनी 10 गारंटियों को पूरा करने का प्रयास कर रही है।
हिमाचल में संस्थानों को बंद करने का क्रम जारी है। 380 स्कूलों को बंद करने की तैयारी की जा रही है। विधायक निधि की अंतिम किस्त जारी ना करना उनके काम में अड़ंगा अटकाना है। यह सरकार इंतजार की सरकार है। कर्मचारी एरियर और ओपीएस का इंतजार कर रहे हैं। युवा रोजगार का महिलाएं 1500 का तो प्रदेश के लोग 300 यूनिट मुफ्त बिजली के इंतजार में है।
उन्होंने कहा कि एक यह सरकार व्यवस्था परिवर्तन के साथ पैसा बचाने की बात कर रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार ने छोटे से प्रदेश में 6 सीपीएस उप मुख्यमंत्री व गैर चुने लोगों को भी अन्य लोगों को भी कैबिनेट रैंक दे देती है। सीमेंट कम्पनी विवाद पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले को सही तरीके से सुलझाया नहीं गया है।
इससे प्रदेश को डेढ़ सौ करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो गया है। सरकार को जिम्मेदारी से इसे सुलझाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि बीजेपी जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जल्द जनता के बीच में जाने वाली है। इसके लिए एक सिग्नेचर अभियान चलाया जाएगा।