शिमला। हिमाचल में अगर किसी महिला के नाम मायके में जमीन है तो उसके परिवार (ससुराल पक्ष) को भूमिहीन नहीं माना जाएगा। ऐसे में परिवार 03/02 बिस्वा योजना के तहत भूमि आबंटन के लिए पात्र नहीं होगा। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान 30 अगस्त को हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा के सवाल के जवाब में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने मुहैया करवाई है।
जानकारी में बताया गया कि हिमाचल में भूमिहीन परिवारों को सरकारी भूमि 03/02 बिस्वा योजना के अंतर्गत उपलब्धता एवं पात्रता अनुसार आबंटित की जा रही है। इस योजना के तहत ऐसी महिलाओं को पात्र माना गया है, जिनके पति भूमिहीन थे और उनकी मृत्यु हो चुकी है, भले ही महिला का मायके पक्ष में भूमि में अधिकार हो।
यदि महिला पहले ही मायके में भूमि की मालिक है, तो ऐसी महिला के परिवार को भूमिहीन नहीं माना जा सकता और वह 03/02 बिस्वा योजना के तहत भूमि आबंटन के लिए पात्र नहीं है। महिला के मायके में भूमि नाम होने के कारण लंबित मामलों की बात करें तो 15 मामले हैं। शिमला में 4, सोलन में 4, मंडी में 7 मामले लंबित हैं।
सरकार 03/02 बिस्वा योजना के तहत ऐसे परिवारों को भूमि आबंटन के लिए पात्र मानने का विचार नहीं रखती, जिनमें महिला के नाम मायके पक्ष में पहले से ही भूमि का स्वामित्व दर्ज है।