शिमला। हिमाचल में पिछले दो साल में बेरोजगारी का अनुपात बढ़ा है। सलाहकार आर्थिकी एवं सांख्यिकी विभाग हिमाचल प्रदेश से प्राप्त सूचना के अनुसार वर्ष 2021-22 में बेरोजगारी की दर 4.0 थी। वहीं, 2022-23 में 4.4 हो गई।
सलाहकार आर्थिकी एवं सांख्यिकी विभाग हिमाचल प्रदेश के पास उक्त दो वर्ष का ही आंकड़ा मौजूद है। यह जानकारी हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में 29 अगस्त, 2024 को भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज के लिखित सवाल के जवाब में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मुहैया करवाई है।
जानकारी दी है कि हिमाचल के रोजगार कार्यालयों में संजीव पंजिका में जुलाई, 2024 तक अनुसूचित जाति के पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 1 लाख 95 हजार 386 है। वहीं, अनुसूचित जनजाति के पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 42.483 है।
जवाब में बताया गया कि जरूरी नहीं, उक्त पंजीकृत युवा बेरोजगार हैं। राष्ट्रीय रोजगार सेवा नियमावली के अनुसार कोई भी युवा जिसकी आयु 14 साल से ऊपर है, रोजगार कार्यालय में अपना नाम पंजीकृत करवा सकता है।
इसके अतिरिक्त रोजगार प्राप्त युवा भी रोजगार के बेहतर अवसरों के लिए पुन रोजगार कार्यालय में नाम दर्ज करवा सकते हैं। जहां तक बेरोजगारों के आरक्षित बैकलॉग पदों को भरने का संबंध है तो इस बारे सरकार प्रयासरत है।
जानकारी दी गई कि प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत बेरोजगारों की कुल संख्या जुलाई, 2024 तक 7 लाख 08 हजार 230 थी। सरकार ने माना की गत दो वर्ष में बेरोजगारी का अनुपात बढ़ा है।
बिलासपुर जिला में 50 हजार 155, चंबा में 54 हजार 705, हमीरपुर में 54 हजार 832, कांगड़ा में 1 लाख 49 हजार 514, किन्नौर में 6488, कुल्लू में 37224 युवा आवेदक रोजगार कार्यालयों की संजीव पंजिका में पंजीकृत हैं। वहीं, लाहौल स्पीति में 4631, मंडी में 1 लाख 41 हजार 082, शिमला में 62 हजार 198, सिरमौर में 54 हजार 429, सोलन में 42 हजार 621 और ऊना में 50 हजार 351 पंजीकृत हैं।