नूरपुर। चंबा-जोत मार्ग पर कार को आग लगाकर अपनी ही मौत का ड्रामा रचने वाले डिसमिस बीएसएफ जवान पर अब बच्चे की किडनैपिंग का आरोप लगा है।
डिसमिस बीएसएफ जवान ने अपने एक साथी कि मदद से बच्चे को कार में अगवा किया। किडनैपिंग की यह वारदात सीसीटीवी में कैद हो गई। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश की सीमा के साथ सटे पठानकोट शहर के सैली रोड में बच्चे की किडनैपिंग का मामला सामने आया। शुक्रवार दोपहर को शाह कालोनी में दो लोग एक छोटे बच्चे को किडनैप कर ले गए थे।
पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए आरोपियों को भी पकड़ लिया है और बच्चे को भी सही सलामत उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया है। किडनैपिंग से जुड़ा एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में एक आरोपी नूरपुर निवासी बीएसएफ से डिसमिस कांस्टेबल है। जिसने कुछ समय पहले अपनी ही मौत का ड्रामा रचा था और फरार हो गया था।
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार दोपहर करीब तीन बजे छह साल का बच्चा बस से उतरकर अपनी बहन के साथ घर की तरफ जा रहा था। जब मोहल्ले में पहुंचा तो कार (एचपी47 बी-1786) पर सवार होकर कुछ लोग आए और बच्चे को पकड़ कार में बिठा लिया और फरार हो गए।
बच्चे के साथ चल रही उसकी बहन के पास चिट्ठी फेंक गए। चिट्ठी में लिखा था- हैलो, आपका बेटा हमारे पास सेफ है। तब तक जब तक यह बात हमारे और तुम्हारे बीच है।
अगर बात बाहर आई, पुलिस की एन्वाल्वमेंट हुई तो तुम्हारा बेटा वापस नहीं मिलेगा और न हम तुमसे कांटेक्ट करेंगे। तुम्हारा बेटा हमारे पास सेफ है जब तक तुम कोऑपरेट करोगे तब तक। मेरी डिमांड 2 करोड़ है। डू अरेंज आई विल कंटैक्ट यू।
मामले का पता लगते ही परिजनों ने थाना डिवीजन नंबर. 2 की पुलिस को सूचित किया। पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और आसपास लगे सीसीटीवी खंगालने लगे।
सीसीटीवी में देखा गया है कि गाड़ी सुबह से ही मोहल्ले में खड़ी थी और जैसे ही बच्चों के आने का समय हुआ तो किडनैपर वारदात कर फरार हो गए। इसके बाद से ही पुलिस एक्शन में आ गई और देर रात ही बच्चे को ढूंढ निकाला। पुलिस ने आरोपी अमित राणा और उसके साथी सोनी को नूरपुर से गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि 29 जून, 2023 को पुलिस थाना सदर चंबा की पुलिस चौकी सुल्तानपुर के तहत चंबा जोत रोड पर जोत से करीब तीन किलोमीटर पहले कार में आग लगने का मामला सामने आया था। कार बीएसएफ जवान अमित राणा (33) पुत्र रघुवीर सिंह निवासी गेहीं लगोड़ नूरपुर कांगड़ा की थी।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जहां घटना हुई वहां जगह काफी खुली थी। पुलिस को संदेह हुआ कि कार खाई में क्यों नहीं गिरी और सड़क पर कैसे खड़ी रही। वहीं, कार में ब्लास्ट भी नहीं हुआ तो सवार ने खुद को बचाने की कोशिश क्यों नहीं की।
इन्हीं बिंदुओं को लेकर पुलिस ने जांच शुरू की और मामले का पर्दाफाश किया। बीएसएफ जवान अमित राणा जिंदा निकला जिसको चंबा पुलिस बंगलुरू से पकड़कर लाई। अमित ने सारी सच्चाई उगली जिसके बाद उसको बीएसएफ से भी डिसमिस कर दिया गया।