शिमला। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने 30 अगस्त, 2024 को हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में प्रदेश सरकार पर ड्रोन से उनके घर की जासूसी करने के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि मुझ पर नजर रखी जा रही है, मेरी निजता का हनन हो रहा है।
विपक्ष के नेता के घर में कौन आ रहा, कौन जा रहा है इस पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि एसपी शिमला का आवास भी वहीं है। जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि अधिकारी अपनी सीमाओं को लांघ रहे हैं, जो सही नहीं है। वक्त बदलता रहता है। अधिकारियों को सीमाओं में रहकर काम करना होता है, यह चीजें भविष्य के लिए दर्ज हो जाती हैं।
वहीं, अब मुख्यमंत्री के मीडिया एडवाइजर नरेश चौहान ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि जिस ड्रोन की बात नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर कर रहे हैं, वह जल प्रबंधन निगम का है। जल प्रबंधन निगम शिमला शहर का ड्रोन के जरिए सर्वे कर रहा है।
उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जो आरोप लगा रहे हैं, वह सत्य नहीं हैं। सरकार द्वारा किसी भी तरह से उन पर नजर नहीं रखी जा रही है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के आरोप गलत साबित हुए हैं। बड़ी हैरानी की बात है कि नेता प्रतिपक्ष को इतनी हल्की बात करने की क्या जरूरत पड़ी।
सरकार किसी की भी निगरानी नहीं कर रही है। इसको लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने विधानसभा में जवाब दिया था कि प्रदेश सरकार किसी की भी जासूसी नहीं करवा रही है, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने गलत और निराधार आरोप लगाए हैं।
वहीं, नरेश चौहान ने प्रदेश के आर्थिक संकट को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश का आर्थिक संकट पूर्व की भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण पैदा हुआ है।
पूर्व की सरकार ने कर्ज का बोझ प्रदेश पर डाला है और सरकारी कर्मचारी पेंशनर की देनदारियां पूर्व सरकार ने चुकता नहीं की और 10 हजार करोड़ की देनदारियां सरकार पर छोड़ी गई, जबकि पूर्व सरकार को उस समय काफी पैसा मिला था, लेकिन 50 हजार एरियर का ही भुगतान किया गया, जोकि काफी कम था।
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम को चाहिए था प्रदेश की आर्थिक स्थिति को ठीक करते क्योंकि केंद्र में भी भाजपा की ही सरकार थी और जीएसटी का पैसा भी 2022 तक मिलता रहा। पिछले 5 साल जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री रहे और चाहते तो प्रदेश में फाइनेंशियल मैनेजमेंट सही कर सकते थे और आज यह हालात पैदा नहीं होते। उन्होंने कहा कि किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।
सरकार प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर गंभीर है और इसको लेकर कड़े फैसले भी लिए जा रहे हैं और आने वाले एक-दो साल में प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। सरकार ने होटलों को सब्सिडी के तौर पर जो बिजली दी जाती थी, उसे खत्म कर दिया है।
हिमाचल की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आने वाले समय में भी कड़े फैसले लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल राजनीति करने का काम कर रहा है, जबकि प्रदेश हित में जो सरकार फैसले ले रही है। उसका विपक्ष को समर्थन करना चाहिए।
वहीं, नरेश चौहान ने कंगना रनौत द्वारा किसानों को लेकर दिए गए बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधा और कहा कि भाजपा को यह स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि यह उनका अपना बयान है या पार्टी का है और इस तरह का बयान देकर कंगना रनौत ने देश के अन्नदाता का अपमान किया है और उन्हें किसानों से माफी मांगनी चाहिए।