रणधीर शर्मा बोले-एक भी निर्णय जनहित में नहीं लिया
शिमला। हिमाचल की पूर्व की जयराम सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों को बदला जा रहा है। अब सरकार ने जयराम ठाकुर सरकार द्वारा घोषित बिजली बोर्ड के नए डिवीजन, ऑपरेशन सर्कल और सेक्शन को भी डी-नोटिफाई कर दिया है। सरकार के इन तमाम निर्णयों के खिलाफ भाजपा मुखर हो गई है। भाजपा ने सरकार को इन निर्णयों पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो भाजपा सड़क से लेकर सदन तक इसका विरोध करेगी।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता व विधायक रणधीर शर्मा ने शिमला में कहा कि कांग्रेस की नई नवेली सरकार ने 10 दिन में एक भी निर्णय जनहित में नहीं लिया है। अभी तक एक भी चुनावी वादे की शुरुआत नहीं हो पाई। जनविरोधी निर्णयों के साथ सरकार ने आगाज किया है। बीजेपी इसकी निंदा करती है। उन्होंने कहा कि पूर्व की बीजेपी सरकार ने जनता के हित में अनेक निर्णय लिए, लेकिन अब की सरकार अपना कैबिनेट तक नहीं बना पाई है।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनते ही 1 अप्रैल 2022 के बाद के निर्णय को रिव्यू कर कई संस्थानों को डी नोटिफाई करने का काम किया है। यह तर्क संगत नहीं है। तुगलकी फरमान सुनाते हुए बिजली बोर्ड के अनेक संस्थान डी नोटिफाई किए हैं। शिवा प्रोजेक्ट के धर्मपुर कार्यालय को भी बंद किया है। सरकार निर्णयों पर पुनर्विचार करे अन्यथा बीजेपी सड़क से सदन तक सरकार का विरोध कर इन संस्थानों को पुनः खोलने के लिए बाध्य करेगी।
उन्होंने कहा कि सीमेंट कंपनियों की तालाबंदी हो गई सरकार ने समस्या के समाधान के लिए कोई प्रयास नहीं किया। हजारों लोगों पर रोजगार संकट खड़ा हो गया, लेकिन सरकार दिल्ली, राजस्थान के सैर स्पाटे में व्यस्त है। सरकार इसका समाधान करे। बीजेपी प्रभावितों के साथ मिलकर आंदोलन करेगी, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता व विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि पहली कैबिनेट में ओपीएस बहाल करने की बात कही गई थी। दस दिन हो गए, लेकिन अभी तक कैबिनेट का गठन ही नहीं हो पाया। इस सरकार ने कर्मचारियों के साथ भद्दा मजाक किया है। 15 सौ रुपये प्रतिमाह देने की बात कही, लेकिन अब पहले आर्थिक संसाधन खड़े करने की बात कह रहे हैं। मुख्यमंत्री व डिप्टी सीएम के बयानों में विरोधाभास है। इससे इनकी कार्यप्रणाली का अंदाजा लगाया जा सकता है। छोटे से प्रदेश में डिप्टी सीएम का पद सृजित किया और फिजूलखर्ची को बढ़ावा दिया।