हिमाचल प्रदेश में अडानी ग्रुप के खिलाफ अब कार्रवाई होना शुरू हो गई है। जीएसटी चोरी के मामले में राज्य कर एवं कराधान विभाग के दक्षिण प्रवर्तन जोन की टीम ने बुधवार देर रात अडानी विल्मर लिमिटेड के सी एंड एफ स्टोर में छापा मारकर टैक्स चोरी का बड़ा मामला पकड़ा है। विभाग की टीम द्वारा मौके पर रिकॉर्ड को खंगाला जा रहा है।
दिलचस्प बात ये है कि इस कंपनी ने पिछले वर्ष हिमाचल प्रदेश में 135 करोड़ रुपए का कारोबार किया, लेकिन जीएसटी का सारा टैक्स इनपुट टैक्स क्रेडिट में एडजस्ट कर दिया। इससे भी हैरानी की बात ये है कि विभाग ने कंपनी को टैक्स रिफंड भी कर दिया, जबकि नियमों के अनुसार किराना व्यापार में जीएसटी का रिफंड नहीं होता।
कंपनी की टैक्स लायबिलिटी में 10 से 15 फीसदी टैक्स का भुगतान कैश पेमेंट में करना होता है, जबकि कंपनी द्वारा करोड़ों रुपए के कारोबार में जीरो भुगतान किया जा रहा था। इसे देखते हुए विभाग की टीम ने यह रेड की है। अडानी विल्मर लिमिटेड द्वारा इस सी एंड एफ स्टोर के माध्यम से पूरे प्रदेश में खाद्य तेल, साबुन व खाद्य पदार्थों की आपूर्ति की जाती है। या यूं कहें कि परवाणु से कंपनी द्वारा पूरे प्रदेश में किराने का बिजनेस किया जा रहा था। विभाग की टीम ने बुधवार देर रात स्टोर में रेड कर स्टॉक का जायजा लिया। अडानी समूह के सीमेंट उद्योग के अलावा प्रदेश में 7 कंपनियां कारोबार कर रही हैं।
जानकारी के अनुसार कंपनी का सारा कारोबार और व्यापारिक प्रतिष्ठान किराए व रेंट पर हैं। ऐसे में टैक्स लायबिलिटी का भुगतान कैश से न करने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। विभाग के सूत्रों की मानें तो यह टैक्स गड़बड़ी का बड़ा मामला है।