यह प्रशिक्षण शिविर महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए रखा गया। इसमें महिलाओं को आजीविका कमाने और अपनी आर्थिकी को मजूबत करने के गुर सिखाए।
जाइका वानिकी परियोजना के तहत वन मंडल नूरपुर के 60 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को अपनी आर्थिकी मजबूत करवाने के लिए पारंपरिक हिमाचली उत्पादों को तैयार करने के लिए कॉर्ड संस्था के साथ अनुभव साझा किए।
बताया गया कि कॉर्ड संस्था के तहत चल रहे विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दौरान कॉर्ड के मुख्य निदेशक नरेंद्र ठाकुर और प्रशिक्षक विनोद पठानिया ने महिलाओं को सशक्त होने एवं आत्मनिर्भर होने के टिप्स दिए।
इस अवसर पर नूरपुर वन मंडलाधिकारी अमित शर्मा ने बताया कि जाइका वानिकी परियोजना हिमाचल के ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ आजीविका कमाने के लिए हरेक क्षेत्र में कार्य कर रही है।
तीन दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान जाइका वानिकी परियोजना के तहत नूरपुर से सब्जेक्ट मैटर स्पेशलिस्ट सुकृति, ज्वाली रेंज की एफटीयू प्रियंका, रे रेंज के एफटीयू अमित और नूरपुर की एफटीयू आयुषि ने यहां मौजूद स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जाइका वानिकी परियोजना की हरेक गतिविधियों के से अवगत कवाया। इस दौरान सभी प्रतिभागियों को कॉर्ड संस्था ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।