हरिपुर। देहरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश ठाकुर ने गुरुवार को बंगोली पंचायत के रोड डिब्बर में नुक्कड़ सभा की। इस मौके पर उनके साथ हिमाचल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी मौजूद रहीं।
कमलेश ठाकुर ने इस दौरान जनता से वोट की अपील की साथ ही कहा कि देहरा काफी पिछड़ चुका है और अब सभी को एकजुट होना होगा। हम सभी एक साथ विकास की राह पर चलेंगे और देहरा की दिशा बदल देंगे।
उन्होंने कहा कि देहरा विधानसभा क्षेत्र में विकास के जो भी कार्य हुए हैं, वह कांग्रेस सरकारों की ही देन है। देहरा विधानसभा क्षेत्र विकास के मामले में पिछले कुछ वर्षों में काफी पिछड़ गया है लेकिन अब यहां के लोगों के पास गलती सुधारने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी को उप-चुनाव में जिताएं और विकास में कोई कमी नहीं आएगी। क्षेत्र की हर समस्या का समाधान करना उनकी ज़िम्मेदारी होगी।
कमलेश ठाकुर ने कहा कि मैं देहरा की ध्याण हूं तो ध्याण को मायके से ख़ाली हाथ नहीं भेजा जाता है। चुनाव जीतने के बाद मैं क्षेत्र में रहकर ही लोगों की सेवा करूंगी और विकास के कार्य करूंगी। उन्होंने कहा कि देहरा में नई योजनाएं लाई जाएंगी ताकि युवाओं को घर के नज़दीक ही रोज़गार के अवसर मिल सके।
पौंग डैम विस्थापितों की समस्याओं से राज्य सरकार परिचित है और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन समस्याओं के समाधान का वचन दिया है। मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि अगर विस्थापितों की समस्याओं के हल के लिए अगर क़ानून भी बदलना पड़े तो बदल देंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कमलेश ठाकुर ने कहा कि पूर्व विधायक होशियार सिंह ने देहरा विधानसभा क्षेत्र के जनता को अपमानित किया है और क्षेत्र की बदनामी हुई लेकिन अब भगवान ने इस कलंक को मिटाने का मौक़ा जनता को दिया है। इसलिए देहरा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता उप-चुनाव में कांग्रेस का साथ दें और कांग्रेस प्रत्याशी को भारी मतों से विजयी बनाएं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार है और वर्तमान सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए अनेकों योजनाएं ला रही है। महिला मंडलों और सरकारी विभागों की योजनाओं के माध्यम से रोज़गार के साधन जुटाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार विधवाओं को घर बनाने के लिए तीन लाख रुपए की आर्थिक सहायता दे रही है और उनके 27 साल तक के बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च भी राज्य सरकार उठा रही है। मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत अनाथ बच्चों की देखभाल का खर्च राज्य सरकार उठा रही है और उन्हें चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया गया है।