शिमला। हिमाचल में लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु 21 साल करने का विधेयक विधानसभा में पारित हो गया है।
विधानसभा में पारित होने के बाद अब विधेयक विधि विभाग को भेजा जाएगा। इसके बाद राज्यपाल की मंजूरी के लिए जाएगा।
बता दें कि हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन मंगलवार को स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल ने बाल विवाह प्रतिषेध (हिमाचल प्रदेश संशोधन विधेयक, 2024) सदन में प्रस्तुत किया। बिल को बिना चर्चा के सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।
बता दें कि हिमाचल में अब तक लड़कों की शादी की उम्र 21 और लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है। लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु में तीन साल की बढ़ोतरी की जा रही है।
हिमाचल कैबिनेट में इसके संशोधित ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी थी। बजट सत्र में भी बिल लाया गया पर किन्हीं कारणों से पास न हो सका।
आधुनिक युग में महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति कर रही हैं। बाल विवाह न केवल उनके व्यवसाय में प्रगति में बल्कि उनके शारीरिक विकास में भी बाधक है।
लैंगिक समानता और उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के अवसरों के लिए उपबंध करने के लिए बालिकाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु में वृद्धि करना आवश्यक हो गया है।
इस कारण हिमाचल प्रदेश राज्य में लागू बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 और अन्य संबंधित अधिनियमों में संशोधन किया जाना और बालिकाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु को 21 साल करना प्रस्तावित किया गया है।