शिमला। टॉयलेट टैक्स और समोसा जांच के बाद सुक्खू् सरकार एक बार फिर विवादों में है। इस बार वजह बना है जंगली मुर्गा। जी हां, जंगली मुर्गा इस बार सुक्खू सरकार की परेशानी की वजह है।
जिला शिमला के कुपवी में हिमाचल सरकार के कार्यक्रम "सरकार जनता के द्वार" कार्यक्रम में डिनर में प्रतिबंधित जंगली मुर्गे के मीट को लेकर हिमाचल में सियासत गरमाई हुई है।
खाने का मेन्यू और इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो मं सीएम सुक्खू को खाते वक्त जंगली मुर्गा ऑफर भी किया गया। हालांकि, सीएम ने कहा कि वह मीट नहीं खाते। उन्होंने इसे दूसरे मंत्रियों को परोसने के लिए भी कहा।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मामले में अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तंज कसते हुए लिखा, "जनता के घर द्वार जाकर लोगों की समस्याओं के निराकरण करने की हमारी योजना 'जनमंच' के फुलके जिन्हें खल रहे थे। आज गांव-गांव जाकर पिकनिक मना रहे हैं।
संरक्षित प्रजाति के जंगली मुर्गा को खाने वालों को जेल होती है, जुर्माना होता है लेकिन मुख्यमंत्री महोदय मुर्गा खिलाने का पहले मेन्यू छपवाते हैं और अपने मंत्रियों को चटखारे ले लेकर खिलाते हैं।"
मामले को लेकर अब सीएम ने भी प्रतिक्रिया दी है। सीएम ने कहा कि गांव के लोग देसी मुर्गा लेकर आए थे मैं तो मीट खाता नहीं, लेकिन उसको लेकर जयराम ठाकुर बयान दे रहे हैं। सीएम ने कहा कि नॉन वेज पहाड़ के जीवन का तो भोजन है। विपक्ष बेवजह मामले को तूल देने की कोशिश करता है। छींक आने पर भी जयराम ठाकुर प्रतिक्रिया दे देते हैं।
सीएम सुक्खू ने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष अपनी बात को रखें बेवजह नारे न लगाएं और बात को सुनें। विपक्ष को लगता है कि कुर्सी को खतरा है तो चार दिन वॉकआउट की ही खबरें बनेंगी। सीएम ने कहा कि पांच साल तक प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते आम और गरीब जनता के हित में फैसले लेकर व्यवस्था में परिवर्तन करता रहूंगा।