शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला में वोकेशनल टीचर धरने पर हैं और प्रदेश सरकार से सरकारी उपक्रमों के तहत नियुक्ति दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
वोकेशनल शिक्षकों का आउटसोर्स कंपनियों पर वेतन में अनियमिताएं बरतने और विभाग के निर्देशों के बावजूद समय पर एरियर का भुगतान न करने का आरोप है।
वोकेशनल टीचर्स को सरकारी उपक्रम के तहत भर्ती देने के मामले में शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार की वित्तीय बाध्यताएं हैं। देश के ज़्यादातर राज्यों में कंपनियों के माध्यम से वोकेशनल टीचर्स को नियुक्ति दी गई है। विभाग की वोकेशनल टीचर्स के लिए पॉजिटिव अप्रोच है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि पिछले महीने सरकार ने वोकेशनल टीचर के वेतन में इजाफा करने का निर्णय लिया था। पहले चरण में नियुक्ति पाने वाले वोकेशनल टीचर्स के वेतन में 2000 और दूसरे फेस में नियुक्ति पाने वालों को 1000 का इज़ाफ़ा दिया गया।
उन्होंने कहा कि वोकेशनल टीचर्स एरियर की बात गलत बता रहे हैं। 17 कंपनियों के माध्यम से इन अध्यापकों को नियुक्ति दी गई है जिसमें से 16 कंपनियों ने अपना एरियर चुका दिया था केवल एक कंपनी को एरियर नहीं दे पाई है।
वोकेशनल शिक्षकों की मुख्य मांग कि सरकारी उपक्रम के तहत उन्हें नियुक्ति दी जाए को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा प्रदेश देश भर में एक आधे राज्य को छोड़कर सभी राज्यों में वोकेशनल टीचर कंपनियों के माध्यम से सेवाएं दे रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार की वोकेशनल शिक्षकों के प्रति पॉजिटिव एप्रोच है मगर सरकार की अपनी वित्तीय बाध्यताएं हैं इसके अलावा अन्य कई पहलू भी हैं। आने वाले दिनों में भी सरकार सकारात्मक होकर हर संभव प्रयास करेगी।
वहीं, अब SMC शिक्षकों को परीक्षा देकर शिक्षा विभाग में सम्मिलित किया जाएगा इसको लेकर विभाग में प्रक्रिया शुरू कर दी है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल के समय SMC शिक्षकों को भरती दी गई थी तब से इन शिक्षकों को विभाग में सम्मिलित करने का मामला लंबित है।
इस बीच तीन से चार सरकारें बदल गईं आधार में लटका हुआ है। उन्होंने कहा कि अब LDR यानी लोकल डायरेक्ट रिक्रूटमेंट के माध्यम से इन शिक्षकों को विभाग में सम्मिलित किए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसको लेकर पर्सनल विभाग में भी फाइल फाइनल स्टेज तक पहुंच गई है।