ऋषि महाजन/नूरपुर। कांगड़ा जिला के नूरपुर में निजी वाहन चालकों और टैक्सी ऑपरेटर के बीच उपजा विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। अब हिमाचल प्रदेश के टैक्सी ऑपरेटरों ने नूरपुर में पहुंचकर टैक्सी के तौर पर प्रयोग हो रहीं प्राइवेट गाड़ियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
शनिवार को हिमाचल प्रदेश के 12 जिलों से देवभूमि एसोसिएशन सहित अन्य यूनियन के पदाधिकारियों एसपी ऑफिस नूरपुर में पहुंचकर एएसपी को ज्ञापन सौंपा। टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों ने दो टूक कहा कि प्राइवेट गाड़ियों का टैक्सी के रूप में प्रयोग कतई सहन नहीं किया जाएगा।
टैक्सी के तौर पर प्रयोग हो रहीं प्राइवेट गाड़ियों के चालान ही न किए जाएं, बल्कि उन्हें जब्त किया जाए। साथ ही आरसी पंजीकरण की तिथि से लेकर उस वक्त का टैक्स जुर्माने के रूप में वसूला जाए और आरसी को रद्द किया जाए। साथ ही टैक्सी ऑपरेटर ने टैक्सी के रूप में प्राइवेट गाड़ियों का प्रयोग करने वाले वाहन मालिकों को भी चेतावनी दी है कि प्राइवेट गाड़ी छोड़कर टैक्सी परमिट लें। इस तरह प्राइवेट गाड़ी का टैक्सी के रूप में प्रयोग करते रहे तो हम छोड़ेंगे नहीं।
शिमला से आए टैक्सी ऑपरेटर महेंद्र ठाकुर ने कहा कि प्राइवेट गाड़ियों का मुद्दा पूरे प्रदेश के अंदर है। प्रदेश में धड़ल्ले से प्राइवेट गाड़ियों का इस्तेमाल हो रहा है। इसको लेकर वह एसपी ऑफिस नूरपुर पहुंचे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि लोग टैक्सी गाड़ियों में यात्रा करें। प्राइवेट गाड़ी वाले सस्ते रेट में चले जाते हैं, क्यों वह सरकार को टैक्स नहीं देते हैं।
उन्होंने कहा कि गांव के लोगों को टैक्सी और प्राइवेट गाड़ियों के बीच अंतर का पता नहीं है। अगर कोई व्यक्ति टैक्सी परमिट गाड़ी में सफर करता है और भगवान न करें कि कोई हादसा हो जाए तो क्लेम मिलता है। प्राइवेट गाड़ी में ऐसा कुछ नहीं मिलेगा। लोग टैक्सी गाड़ियां हायर करें, इसमें यात्रा सेफ है।
उन्होंने प्राइवेट गाड़ी का टैक्सी के रूप में प्रयोग करने वालों को चेतावनी दी है कि प्राइवेट गाड़ी छोड़कर टैक्सी लें। प्राइवेट गाड़ी चलाते रहे तो हम छोड़ेंगे नहीं। प्राइवेट गाड़ी चलाकर टैक्सी परमिट वालों को धमकाने का काम कर रहे हैं। अगर जरूर हुआ तो टैक्सी ऑपरेटर कानून कार्रवाई करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।
देवभूमि टैक्सी ऑपरेटर यूनियन के फाउंडर नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि वह आज ज्ञापन सौंपने पहुंचे हैं। प्राइवेट गाड़ी वाले टैक्सी वालों के साथ गुंडागर्दी कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि प्राइवेट गाड़ी में टैक्सी चलाने की अनुमति दें। साथ ही कह रहे हैं कि वह 20 से 25 साल से प्राइवेट गाड़ी चला रहे हैं। यही नहीं टैक्सी गाड़ी को रोक कर फोन और चाबी छीनी जाती है।
टैक्सी वालों को सरकार ने परमिट दिया है। उन्होंने नूरपुर के विधायक रणबीर सिंह निक्का के बयान का भी विरोध किया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय नेता प्राइवेट गाड़ी मालिकों का पक्ष ले रहे हैं। विधायक कह रहे हैं कि प्राइवेट गाड़ी वाले मरीज आदि को लेकर अस्पताल जाते हैं। पर हर रोज तो मरीज नहीं होगा। प्राइवेट गाड़ी वाले पूरा महीना गाड़ियां चलाते हैं।
उन्होंने विधायक को भी चेताया कि अगर टैक्सी ऑपरेटर के खिलाफ बयानबाजी करेंगे तो जमकर विरोध होगा। उन्होंने पुलिस, आरटीओ, ट्रांसपोर्ट विभाग से निवेदन किया है कि प्राइवेट गाड़ी को टैक्सी के तौर पर चलाने वालों के चालान नहीं चाहिए, बल्कि गाड़ी जब्त चाहिए। आरसी पंजीकरण तिथि से टैक्स जुर्माने के तौर पर वसूला जाए। इसके अलावा आरसी रद्द हो।
देवभूमि कांगड़ा टैक्सी यूनियन जिला प्रभारी सुरेश कपूर ने कहा कि हिमाचल के 12 जिलों से यूनियन के मुख्य पदाधिकारी यहां पहुंचे हैं। अन्य संगठन के पदाधिकारी भी शामिल हुए हैं। उन्होंने प्राइवेट गाड़ी मालिकों के 10 से 12 किलोमीटर चलने के बयान पर मोर्चा खोला है। कहा कि प्राइवेट गाड़ी वालों के मीटर की रीडिंग चेक कर ली जाए। पांच साल में वह अढ़ाई से तीन लाख किलोमीटर चले होंगे।
10 से 12 किलोमीटर प्रतिदिन चलने पर गाड़ी इतनी नहीं चलती है। उन्होंने कहा कि अगर विधायक रणबीर सिंह निक्का को मरीजों की इतनी चिंता है तो अपने खर्चे से एंबुलेंस लगा दें। इससे लोगों को भी सुविधा मिलेगी और युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
उन्होंने भी प्राइवेट गाड़ियों का टैक्सी के तौर पर प्रयोग करने वालों चेताया कि समय रहते जाग जाएं और टैक्सियां ले लें। क्योंकि हम प्राइवेट गाड़ियों पर नकेल कसने के लिए तैयार हैं। जिला कांगड़ा प्रधान ओमी मेहरा ने कहा कि प्राइवेट गाड़ी मालिकों की गुंडागर्दी नहीं चलेगी। हम टैक्सी ऑपरेटर का रोजगार बचाने के लिए सड़कों पर उतरने के लिए भी तैयार हैं, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
एएसपी नूरपुर धर्म चंद वर्मा ने कहा कि पूरे जिला कांगड़ा से टैक्सी एसोसिएशन के पदाधिकारी उनसे मिलने पहुंचे थे। उनका कहना है कि प्राइवेट गाड़ियों का टैक्सी के रूप में प्रयोग हो रहा है, जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है। यह बात सही भी है।
टैक्सी वाले टैक्स देते हैं और प्राइवेट गाड़ियां निजी प्रयोग के लिए हैं। निजी गाड़ी में सवारियां ले जाना एमवी एक्ट की अवहेलना है। पुलिस समय-समय पर ऐसे वाहन चालकों के चालान भी करती है। टैक्सी ऑपरेटरों की शिकायत पर सभी थाना प्रभारियों, चौकी इंचार्ज को नियमों का सख्ती से पालन के लिए निर्देश दिए जाएंगे।