Breaking News

  • हमीरपुर : उत्कृष्टता केंद्र बड़ा से गोभी प्रजाति की पौध का वितरण शुरू
  • नगरोटा बगवां में शिवलिंग खंडित करने के मामले में एक महिला निकली आरोपी, गिरफ्तार
  • हिमाचल के कॉलेजों में दाखिले की तिथि बढ़ी, नोटिफिकेशन जारी
  • छोटी काशी मंडी में पहली बार पधार रहे देव श्री नारायण, होगा अद्भुत मिलन
  • सनौरा स्कूल की छात्रा आकृति का राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में चयन
  • IIT मंडी का 12वां दीक्षांत समारोह : 636 छात्रों को प्रदान की डिग्रियां
  • नूरपुर : मनोहरा नाला में पकड़ी गाड़ी, 120 बोतल देसी शराब बरामद
  • हमीरपुर : लंबलू में चढ़ाई पर बैक हुआ ट्रक-खड्ड में गिरा, चालक की गई जान
  • शिमला मस्जिद विवाद : देवभूमि संघर्ष समिति का हल्ला बोल, उठाई ये मांगें
  • HPU के एसबीएस हॉस्टल में पांचवीं मंजिल से गिरा छात्र, गई जान

हिमाचल: 10वीं और 12वीं के 90 सेंटर होंगे सावित्रीबाई फुले महिला परीक्षा केंद्र

ewn24news choice of himachal 15 Feb,2023 6:53 pm

    अधीक्षक/उपाधीक्षक के रूप में केवल महिला स्टाफ होगा तैनात

     

    धर्मशाला। हिमाचल में 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के लिए 90 परीक्षा केंद्र देश की प्रथम महिला शिक्षिका एवं महान समाजसेवी श्रीमति सावित्रीबाई फुले के नाम से होंगे। हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड ने उक्त केंद्रों को सावित्रीबाई फुले महिला परीक्षा केंद्र के नाम से अलंकृत करने का निर्णय लिया है। इन परीक्षा केंद्रों में अधीक्षक/उपाधीक्षक के रूप में केवल महिला प्रवक्ता/अध्यापक को ही नियुक्त किया गया है।
    शिमला : रोहड़ू में भीषण अग्निकांड-जिंदा जला नाबालिग, पांच लोग झुलसे

    कौन थी सावित्रीबाई फुले

    भारत की प्रथम शिक्षिका और महान समाजसेवी सावित्रीबाई फुले का जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगांव में एक दलित परिवार में 3 जनवरी, 1831 में हुआ था। 1840 में मात्र 9 साल की उम्र में इनका विवाह ज्योतिबा फुले से हुआ। सावित्रीबाई पढ़ी लिखी नहीं थीं, शादी के बाद उनके पति ने उन्हें पढ़ने में मदद की। बाद में सावित्रीबाई फुले ने दलित समाज की ही नहीं बल्कि देश की प्रथम शिक्षिका होने का गौरव प्राप्त किया।

    उस समय लड़कियों की दशा अत्यंत दयनीय थी और उन्हें पढ़ने लिखने की अनुमति तक नहीं थी। इस रीति को तोड़ने के लिए सावित्रीबाई फुले ने 1848 में लड़कियों के लिए एक विद्यालय की स्थापना की। यह भारत में छात्राओं के लिए खुलने वाला पहला विद्यालय था। सावित्रीबाई फुले स्वयं विद्यालय में लड़कियों को पढ़ाने के लिए जाती थीं, लेकिन यह सब इतना आसान न था। उन्हें लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों की गालियां ही नहीं बल्कि पत्थरों की मार भी झेली। इस सब के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी।
    कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का लक्ष्य, हर जिले में बनेंगे हेलीपोर्ट: सीएम सुक्खू

    [pdf-embedder url="https://ewn24.in/wp-content/uploads/2023/02/Noti.S.B.15.02.2023.pdf"][


    आज की ताजा खबर, ब्रेकिंग न्यूज़, लाइव न्यूज अपडेट पढ़ें https://ewn24.in/ पर,  ताजा अपडेट के लिए हमारा Facebook Page Like करें 

Himachal Latest

Live video

Jobs/Career

Trending News

  • Crime

  • Accident

  • Politics

  • Education

  • Exam

  • Weather