स्वाति मालीवाल मारपीट मामला : केजरीवाल के पीएस विभव कुमार हिरासत में लिए
ewn24news choice of himachal 18 May,2024 8:25 pm
लगाए गए हैं गंभीर आरोप
नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ सीएम हाउस में हुई मारपीट मामले में आरोपी विभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। विभव को अरविंद केजरीवाल के निवास से हिरासत में लिया गया।
सूत्रों के मुताबिक, विभव कुमार ने अपनी शिकायत को लेकर दिल्ली पुलिस को जो मेल भेजा था उसका आईपी एड्रेस भी पुलिस ने ट्रैक किया था।
कई टीमें विभव की तलाश के लिए लगातार लगी हुई थीं। आखिरकार विभव को सीएम आवास से हिरासत में लिया गया।
वहीं, स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट भी आ गई है। दिल्ली एम्स के ट्रॉमा सेंटर में उनका मेडिकल हुआ था। एमएलसी में उनकी आंख, चेहरे और पैर में चोट की पुष्टि हुई है।
बता दें कि 13 मई को स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट की घटना सामने आई थी। उन्होंने अरविंद केजरीवाल के पीएस विभव कुमार पर गंभीर आरोप लगाए थे।
इसके बाद उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाई और शुक्रवार को कोर्ट के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए जिसमें विभव पर गंभीर आरोप लगाए गए। मुकदमा दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस विभव की गिरफ्तारी के लिए लगातार उसकी लोकेशन खंगाल रही थी।
स्वाति मालीवाल ने शिकायत में कहा, ''मैं दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने गई उनके कैंप ऑफिस गई थी। ऑफिस जाने के बाद सीएम के पीएस विभव कुमार को फोन किया, लेकिन मुझसे संपर्क नहीं हो सका।
फिर मैंने उसके मोबाइल नंबर पर (वॉट्सएप के जरिए) एक मैसेज भेजा। हालांकि, उनका कोई जवाब नहीं आया। उसके बाद मैं घर के मुख्य दरवाजे से अंदर गई, जैसा कि मैं पिछले साल से हमेशा से करती आई हूं।
विभव कुमार वहां मौजूद नहीं थे, इसलिए मैं घर के अंदर दाखिल हुई और वहां मौजूद कर्मचारियों को सूचित किया कि वे सीएम से मिलने के बारे में बताएं। मुझे बताया गया कि वह घर में मौजूद है और मुझे ड्राइंग रूम में जाने के लिए कहा गया।
मैं ड्राइंग रूम में जाकर सोफे पर बैठ गई और मिलने का इंतजार करने लगी। एक स्टाफ ने आकर मुझे बताया कि सीएम मुझसे मिलने आ रहे हैं।
इतना कहने के बाद सीएम के पीएस विभव कुमार कमरे में घुस आया। वह बिना किसी उकसावे पर चिल्लाने लगा और यहां तक कि मुझे गालियां भी देने लगा।
मैं इस अचानक घटना से स्तब्ध रह गई। मैंने उससे कहा कि वह मुझसे इस तरह बात करना बंद करे और सीएम को फोन करे। उसने कहा तू कैसे हमारी बात नहीं मानेगी ।
उसने मुझे थप्पड़ मारना शुरू कर दिया। उसने मुझे कम से कम 7-8 बार थप्पड़ मारे। मैं चिल्लाती रही, मैं बिल्कुल सदमे में थी और बचाव के लिए उसे धकेलने की कोशिश की। वो मुझ पर झपटा और बुरी तरह मेरी शर्ट को ऊपर खींच लिया।
मेरी शर्ट के बटन खुल गए और मैं नीचे गिर गई और सेंटर टेबल पर मेरा सिर मार दिया। मैं लगातार मदद के लिए चिल्लाती रही। विभव कुमार नहीं माना और अपने पैरों से मेरी छाती, पेट और शरीर के निचले हिस्से पर लात मारकर मुझ पर हमला किया।
मुझे पीरियडस हो रहे थे। मैंने उससे कहा कि मुझे जाने दें क्योंकि मैं बहुत दर्द में हूं। हालांकि, उसने बार-बार पूरी ताकत से मुझ पर हमला किया। मैं कोशिश कर रही थी कि किसी तरह से बाहर निकल जाऊं।
फिर मैं ड्राइंग रूम के सोफे पर बैठ गई और हमले के दौरान चश्मा नीचे गिर गया। इस हमले से मैं भयानक सदमे की स्थिति में थी। मुझे गहरा सदमा लगा और मैंने 112 नंबर पर फोन किया और घटना की सूचना दी।
विभव ने मुझे धमकी देते हुए कहा, कर ले, जो तुझे जो करना है। तू हमारा कुछ नहीं कर पाएगी। ऐसी जगह गाड़ देंगे किसी को भी पता नहीं चलेगा। फिर जब उसे एहसास हुआ कि मैं 112 नंबर पर हूं तो वो कमरे से बाहर चला गया।''
कुछ देर बाद विभव सीएम कैंप कार्यालय के मैन गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के साथ वापस आ गया। विभव के कहने पर सुरक्षाकर्मियों ने मुझसे चले जाने के लिए कहा।
मैं उनसे कहती रही कि मुझे बेरहमी से पीटा गया है और उन्हें मेरी हालत देखनी चाहिए और पीसीआर पुलिस के आने तक इंतजार करना चाहिए। हालांकि, उन्होंने मुझे कैंपस छोड़ने के लिए कहा।
मुझे सीएम आवास के बाहर ले जाया गया और मैं कुछ देर के लिए उनके घर के बाहर फर्श पर बैठी, क्योंकि मैं गहरे दर्द में थी। बाद में पीसीआर पुलिस आई।
मैं ऑटो में बैठकर जाने के लिए निकली क्योंकि मुझे बहुत दर्द था और पूरी तरह से सदमे में थी और टूट गई थी। किसी तरह मैंने हिम्मत जुटाई और ऑटो को वापस जाने के लिए कहा और मामले की रिपोर्ट करने के लिए सिविल लाइंस थाने पहुंची।
मैंने SHO को घटना के बारे में बताया। मुझे भयानक दर्द था और मेरे मोबाइल पर भी मीडिया के खूब कॉल आने लगे। दर्द और घटना का राजनीतिकरण ना करने की वजह से मैं लिखित शिकायत दर्ज किए बिना पुलिस स्टेशन से चली गई। मेरे हाथ-पैर और पेट में हमले के कारण बहुत दर्द हो रहा था।''