ऋषि महाजन/नूरपुर। नूरजहां के नाम से पड़े नूरपुर शहर के लोग इन दिनों लावारिस पशुओं, आवारा कुत्तों और बंदरों से खासे परेशान हैं। चिंता की बात यह है कि शहर में लावारिस पशुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
शहर के चौगान से लेकर नियाजपुर तक व प्रत्येक 9 वार्डों में लावारिस पशुओं सहित आवारा कुत्ते और बंदर देखें जा सकते हैं। आलम यह है कि लोगों का घर से निकलकर बाजार में जाना मुश्किल हो गया है।
यही नहीं शहर में लोगों पर पशुओं द्वारा हमलों के मामले भी सामने आ चुके हैं। इसमें लोग घायल हुए हैं और दो लोगों को जान गंवानी पड़ी है।
हाल ही में कुछ लावारिस पशुओं ने सोनिया महाजन और राखी महाजन के ऊपर हमला कर दिया, जिससे यह दोनों घायल हो गईं।
एक को पठानकोट के निजी अस्पताल, दूसरी को मेडिकल कॉलेज टांडा व फिर अमृतसर शिफ्ट करना पड़ा। वहीं, कुछ समय पहले बंदरों ने एक व्यक्ति शशि शर्मा व शरत पर हमला कर दिया था। इन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
एक तरफ तो शहर में लावारिस पशुओं की बढ़ती संख्या लोगों के लिए परेशानी बनी हुई है, दूसरी तरफ प्रशासन में भी आपसी तालमेल का अभाव साफ दिख रहा है। अधिकारी एक दूसरे पर बात फेंक कर पल्ला झाड़ लेते हैं।
यही नहीं प्रशासन के उच्च अधिकारी भी इस समस्या से अनभिज्ञ नहीं हैं। वे भी बाजार में घूमते हैं। लावारिस पशु उनके दफ्तरों के बाहर बैठे रहते हैं, लेकिन सबके हाथ खड़े हो चुके हैं, कोई कुछ नहीं कर पा रहा है।
शहरवासी संजीव सूरी, राजेश, कूका और अजय ने लावारिस पशुओं, आवारा कुत्तों और बंदरों की बढ़ रही समस्या पर चिंता जाहिर की है। प्रशासन से समस्या के शीघ्र समाधान की बात कही है। उन्होंने कहा कि अब लोगों के धैर्य का बांध भी टूटने लगा है।
कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद नूरपुर आशा वर्मा से बात की उन्होंने कहा कि समस्या तो गंभीर है। अगर ऊपर से उच्च अधिकारी उन्हें कोई आदेश दें तो वह आवारा पशुओं को सदन भेजने का प्रबंध करें।
इससे पहले में कुछ पशुओं को सदन भेजा चुका है, लेकिन रात के अंधेरे में कुछ लोग लावारिस पशुओं को शहर में छोड़ जाते हैं, जिससे यह समस्या गंभीर बनी हुई है। वहीं, उन्होंने वन विभाग व वेटरनरी विभाग से सहयोग की बात की है।
उन्होंने कहा कि बंदरों और छोटे-छोटे बछड़ों की की नसबंदी की जाए, ताकि यह समस्या गंभीर न हो। एसडीएम नूरपुर गुरसिमर ने कहा कि समस्या तो है।
कुछ दिन पहले समस्या का समाधान भी किया था, लेकिन कुछ लोग अंधेरे का फायदा उठाकर लावारिस पशुओं को छोड़ जाते हैं। उन्होंने कहा कि वह शीघ्र ही इस समस्या का समाधान करेंगे।