ट्रक ऑपरेटर बोले-सहमति नहीं, समझौता, साल का 6 से 7 लाख होगा नुकसान
ewn24news choice of himachal 20 Feb,2023 4:46 pm
डिस्पैच का मुद्दा अभी हल नहीं हुआ
शिमला। आखिरकार 68 दिन के गतिरोध के बाद हिमाचल प्रदेश में अडानी समूह व ट्रांसपोर्टरों के बीच चल रहा विवाद खत्म हो गया है। सरकार की मध्यस्थता के बाद और कई दौर की बैठकों के बाद आज सीमेंट कंपनी विवाद पर विराम लग गया। अडानी समूह और दाड़लाघाट व बरमाणा प्लांट के साथ मुख्यमंत्री की बैठक के बाद विवाद सुलझ गया। अब कल से बंद दाड़लाघाट और बरमाणा दोनों सीमेंट प्लांट खुल जाएंगे।
वहीं, ट्रक ऑपरेटरों ने कहा है कि यह सहमति नहीं है, बल्कि समझौता है। जोकि प्रदेश और जनता के हित में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के फैसले के बाद स्वीकार किया है। हालांकि जिन दामों पर सहमति बनी है वे सम्मानजनक पर है, पर इसके बावजूद ट्रक ऑपरेटरों को 6 से सात लाख रुपए का नुकसान हो रहा है। वहीं, ट्रक ऑपरेटरों का मुख्य मुद्दा डिस्पैच का मुद्दा अभी हल नहीं हुआ है।
बाघल लैंड लूज़र सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि ऑपरेटर की तरफ से तो कोई सहमति नहीं थी। मैं इस सहमति नहीं कहूंगा। क्योंकि समझौते की स्थिति में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का फैसला है तो इसे मानने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है। हमने भाड़ा 10 रुपए 77 पैसे से शुरू किया था और 10 रुपए 30 पैसे पर पहुंचे हैं। हम यह कह सकते हैं कि सम्मानजनक है।
हालांकि इसमें भी साल का 6 से सात लाख राजस्व का नुकसान होगा। पर प्रदेश और लोगों के हित में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के फैसले का सम्मान हमें करना होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 13 पैसे की हाइक को भी कंसीडर करेंगे और कुछ समय बाद कंपनी से दिलवाएंगे। यह बढ़ोतरी मिलने के बाद रेट 10 रुपए 43 पैसे हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि डिस्पैच का मुख्य मुद्दा अभी हल नहीं हुआ है। डीसी की अध्यक्षता में कमेटी बनी है और उस कमेटी में सारी चीजें तय होंगी कि डिस्पैच कितना होगा।