रेखा चंदेल /झंडूता। महिला साहित्यकार संस्था हिमाचल प्रदेश की संस्थापक एवं प्रांत अध्यक्ष डॉ. रीता सिंह की अध्यक्षता में हिन्दी साहित्य के छायावादी युग की प्रमुख कवयित्री महादेवी वर्मा की जयंती पर राज्य स्तरीय ऑनलाइन काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया।
इसमें मुख्य अतिथि का दायित्व सेवानिवृत्त प्रिंसिपल राजकीय महाविद्यालय बिलासपुर की प्रो. बृज बाला सांख्यान ने निभाया। मंच संचालन प्रांत उपाध्यक्ष शीला सिंह ने संभाला। काव्य गोष्ठी में उपस्थित अति विशिष्ट सदस्य प्रधान बिलासपुर लेखक संघ डॉ. रविन्द्र कुमार ठाकुर और इकाई अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य परिषद बिलासपुर डॉ. अनेकराम सांख्यान की उपस्थिति से पटल गौरवान्वित हुआ।
राज्य भर से उपस्थित कवयित्रियों ने महादेवी वर्मा, गगन परी सुनीता विलियम्स, नारी शक्ति, समाज में नारी की भूमिका, उत्कृष्ट उपलब्धियां, नारी प्रेरणादायिनी इत्यादि मुख्य बिन्दुओं को उजागर करते हुए अपनी-अपनी प्रस्तुतियां दी। सर्वप्रथम कॉलेज छात्रा मालिनी ने अति मधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर मां शारदे के श्री चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
जिला ऊना से स्वपना जसवाल ने "मन को बांध लिया है, एकांत की छांव में, मैं हूं और सिर्फ मैं हूं और है मेरा मौन आलाप' की प्रस्तुति दी। ओंमदेवी ने सुनीता विलियम्स की बहादुरी पर उसे शत-शत नमन किया। जिला बिलासपुर से रचना चंदेल ने 'बेटियां ही नहीं अब बेटों को भी बचाना होगा' कविता पेश की। सुमन चढ्ढा की 'मौन हो गई मैं आज जहां चीखना चिल्लाना था', सुषमा खजूरिया की 'मां त्रिपुरमालिनी देती सात्विकता शक्ति तेजस्विता ओजस्विता कविता भी काफी पसंद की गई।
कविता सिसोदिया ने अति भावपूर्ण रचना प्रस्तुत की। प्रीति शर्मा ने कहां-कहां इन लफ्जों को खोलूं, आखिर क्या क्या बदलूं, पढ़ लिख जाऊं तो घमंडी हो जाऊं, न पढ़ू तो जाहिल गंवार कहलाऊं की प्रस्तुति दी। शिव शक्ति कांन्वैट स्कूल की विज्ञान अध्यापिका माया देवी ने वर्तमान में विकराल रूप ले चुकी समस्या 'चिट्टे ' के ऊपर बहुत ही भावपूर्ण गीत सुनाया।
डॉ अनेकराम सांख्यान ने 'सुंदर कुंडलियां छंद में 'न्याय' शब्द पर आधारित रचना प्रस्तुत की। डॉ. रविन्द्र कुमार ठाकुर ने नर क्या नारायणी हो तुम, भारत वर्ष की नारी, जीवन के हर क्षेत्र में तुम, नारायण से भी भारी कविता की प्रस्तुति दी। जिला शिमला से वसुंधरा धर्माणी ने 'वेदना के सागर में डूबी करुणा की मूरत बनी, महादेवी की 'वीणा' का स्वर, हर धड़कन की आवाज बनी' कविता पेश की। जिला सोलन से गीता ठाकुर ने 'आज इक्कीसवीं शताब्दी के इस समाज से है, मेरा सिर्फ एक सवाल, यही सवाल मेरे मन में मचा देता है कभी- कभी बवाल' कविता पेश की।
इसके अलावा जिला कांगड़ा से महिला साहित्यकार संस्था की इकाई अध्यक्षा शक्ति चड्ढा, सेवानिवृत्त प्रिंसिपल राका कौल, मधु, ऊना से साधना आदि कवयित्रियों ने बढ़चढ़ कर काव्य पाठ में भाग लिया। मुख्य अतिथि प्रो. बृजबाला सांख्यान ने अपने वक्तव्य में महादेवी वर्मा जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ. रीता सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में समाज में महिलाओं की स्थिति पहले क्या थी और आज क्या है के बारे प्रकाश डाला।
अंत में बिलासपुर इकाई अध्यक्ष डॉ. हेमा देवी ठाकुर ने मुख्य अतिथि, प्रांत अध्यक्ष एवं संस्थापक, मंच संचालक, राज्य भर से आई हुई कवयित्रियों उपस्थित साहित्यकारों एवं श्रोताओं का धन्यवाद किया। कार्यक्रम की समाप्ति परंपरागत रूप से राष्ट्रगान से हुई।