कांगड़ा : 1905 की याद ताजा कर गया भूकंप, है ये समानता
ewn24news choice of himachal 22 Mar,2023 5:08 am
कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश सहित उत्तर भारत में आज भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। आज कांगड़ा जिला में जोरदार झटके घाटी में 117 साल पहले 4 अप्रैल को आए भूकंप की याद ताजा कर गए। उस भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। आज का भूकंप उससे कहीं न कहीं जुड़ा हुआ है। जी हां, समानता क्या वो हम आपको बताते हैं।
सचिन पंडित के अनुसार 4 अप्रैल, 1905 को कांगड़ा में जब भूकंप आया था उस दिन अमावस्या थी और आज भी अमावस्या है। यही नहीं उस दिन भी मंगलवार था और आज भी मंगलवार ही है। कहीं न कहीं आज फिर वो जख्म ताजा हो गए।
आज से 117 साल पहले चार अप्रैल, 1905 को कांगड़ा में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8 मापी गई थी। तब लगभग 19000 लोग मौत का शिकार हुए थे तथा 38 हजार पशु भी इस भूकंप की भेंट चढ़ गए थे। अकेले कांगड़ा नगर में मरने वाले लोगों की संख्या 10257 थी। (ewn24news)
बता दें कि हिमाचल प्रदेश सहित उत्तर भारत में मंगलवार रात धरती डोली। रात 10 बजकर 17 मिनट पर जोरदार भूकंप के झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.6 रही।
हिमाचल में भी कई जगह पर तेज झटके महसूस किए गए हैं। कई जगह पर घरों में लगे पंखे काफी देर तक हिलते रहे। लोग डर कर घरों से बाहर की ओर भागे। हालांकि अभी तक कहीं से भी किसी तरह के जानी नुकसान की सूचना नहीं है।
जानकारी के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद में था। पाकिस्तान के इस्लामाबाद, लाहौर और पेशावर में भी तेज झटके लगे। सीस्मोलॉजी विभाग के मुताबिक रात 10:17 बजे कालाफगन, अफगानिस्तान से 90 किमी की दूरी पर यह झटके महसूस किए गए।
हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे लेकर ट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा, "अभी-अभी पूरे उत्तर भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं जिसकी तीव्रता से 6.6 तक नापी गई है। भगवान से प्रार्थना करता हूं कि सब सकुशल हों और सब कुछ ठीक-ठाक हो।"
भूकंप आने पर क्या करें
अगर भूकंप के वक्त आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं। घर में किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढकें। भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें। अगर रात में भूकंप आया है और आप बिस्तर पर लेटे हैं तो लेटे रहें, तकिए से सिर ढक लें।
घर के सभी बिजली स्विच को ऑफ कर दें। अगर आप भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढंक लें। मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को जताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके। अगर आपके पास कुछ उपाय ना हो तो चिल्लाते रहें और हिम्मत ना हारें।
भूकंप के वक्त अगर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों और बिजली के खंभों से दूर रहें। अगर आप गाड़ी चला रहे हो तो उसे रोक लें और गाड़ी से बाहर ना निकलें। किसी पुल या फ्लाइओवर पर गाड़ी खड़ी ना करें। भूकंप के समय अगर आप घर में हैं तो बाहर ना निकलें।
अगर आप भूकंप के वक्त मलबे में दब जाएं तो माचिस बिल्कुल ना जलाएं। इससे गैस लीक होने की वजह से आग लगने का खतरा हो सकता है। भूकंप आने पर घर में हैं तो चलें नहीं। सही जगह ढूंढें और बैठ जाएं।
घर के किसी कोने में चले जाएं, कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें। भूकंप के वक्त लिफ्ट के इस्तेमाल बिल्कुल ना करें। साथ ही कमज़ोर सीढ़ियों का इस्तेमाल भी न करें। क्योंकि लिफ्ट और सीढ़ियां दोनों ही टूट सकती हैं।
भूकंप में अगर मलबे में दब जाएं तो ज़्यादा हिले नहीं और धूल ना उड़ाएं। आपके आप-पास जो चीज़ मौजूद हो उसी से अपनी मौजूदगी जताएं। भूकंप के दौरान आप पैनिक न करें और किसी भी तरह की अफवाह न फैलाएं।
आपको एक इमरजेंसी किट बनाकर रखनी चाहिए, जिसमें आपके जरूरी दस्तावेज, खाना, पानी और फर्स्ट एड की चीजें हों। घर के सामान को सुरक्षित रखने की कोशिश करें और छत या किसी दीवार के गिरने की स्थिति में जरूरी सामान को बचाने के उपाय करें। अपने परिवार के लिए एक इमरजेंसी प्लान तैयार करें।