शिमला। हिमाचल प्रदेश में पटवारी और कानूनगो को स्टेट कैडर में कर दिया गया है। इस बारे नोटिफिकेशन जारी कर दी है। पटवारी और कानूनगो इसका विरोध कर रहे हैं। स्टेट कैडर के विरोध में पटवार और कानूनगो महासंघ ने हड़ताल भी की थी। पटवारी और कानूनगो का तर्क है कि एक तो उनकी वरिष्ठता प्रभावित हो रही है, वहीं, अलग-अलग जिलों में पैमाइश प्रणाली अलग-अलग होने और विभिन्न बोलियों के चलते उन्हें परेशानी उठानी पड़ सकती है। इन सबका सरकार ने जवाब दिया है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में पटवारी और कानूनगो का स्टेट कैडर करने के संदर्भ में सवाल लगा था। कांगड़ा के विधायक पवन काजल ने सवाल पूछा था। जवाब में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जानकारी मुहैया करवाई कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा पटवारी व कानूनगो का संवर्ग जिला कैडर से स्टेट कैडर किए जाने बारे अधिसूचना 22 फरवरी 2025 को जारी की गई है।
वर्तमान में कार्यरत सभी पटवारी एवं कानूनगो की नियुक्तियां/पदोन्नतियां इनके भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अंतर्गत हुई है। प्रदेश में पटवारी व कानूनगो के जिला कैडर को स्टेट कैडर में लाने के फलस्वरूप वरिष्ठता निर्धारण करने बारे मामला विचाराधीन है तथा अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। मामले में पटवारी व कानूनगो के हितों को ध्यान में रखते हुए सभी पहलुओं पर विस्तृत विचार विमर्श करने के उपरांत ही वरिष्ठता सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
प्रदेश में भूमि की पैमाइश के लिए पूर्व में भिन्न-भिन्न प्रणाली प्रचलित रही है, जैसे बीघा-विस्वा, मरला-कनाल आदि, लेकिन बंदोबस्त कार्य के दौरान प्रदेश के अधिकांश जिलों में भूमि की पैमाइश हेतु पुरानी प्रणालियां अब एक ही मीट्रिक प्रणाली में तब्दील की जा रही हैं। सभी जिलों में बंदोबस्त का कार्य पूर्ण होने के उपरांत भूमि की पैमाइश की इकाई एक समान हो जाएगी।
प्रदेश में विभिन्न जिलों में बोली जाने वाली बोलियों में विभिन्नता होने से पटवारी एवं कानूनगो की कार्य कुशलता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्योंकि प्रदेश में हिंदी भाषा का प्रचलन है और हिमाचल प्रदेश के सभी लोग हिंदी भाषा भली भांति समझते और बोलते हैं। भले ही उनकी स्थानीय बोली कोई भी हो। संवर्ग परिवर्तन का पटवारी व कानूनगो के कैडर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि जिला संवर्ग से राज्य संवर्ग करते हुए इनका कोई भी पद खत्म नहीं हो रहा है।