नई दिल्ली। भारत में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को HMP Virus के दो नए मामले सामने आए हैं। इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या बढ़कर सात हो गई। ताज़ा मामले नागपुर में सामने आए।
इससे पहले सोमवार को कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पांच शिशुओं में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) की पुष्टि हुई थी।
बता दें कि HMPV की पहली बार 2001 में पहचान हुई थी। यह एक श्वसन संक्रमण है जो फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है। यह सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है, हालांकि पांच साल से कम उम्र के बच्चे, बड़े वयस्क और कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को इसका ज़्यादा जोखिम होता है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने कहा है कि HMPV भारत सहित दुनिया भर में "पहले से ही प्रचलन में है"। केंद्र ने राज्यों को ILI और SARI सहित श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और HMPV के संक्रमण की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाने की सलाह दी है।
राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि वे वायरस के संक्रमण की रोकथाम के बारे में लोगों के बीच सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) और जागरूकता बढ़ाएं, जैसे कि कोविड-19 के दौरान अपनाए गए सरल उपायों जैसे कि बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोना, बिना धुले हाथों से आंख, नाक या मुंह को न छूना, रोग के लक्षण प्रदर्शित करने वाले लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना तथा खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढकना आदि का सभी ध्यान रखें।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने जोर देकर कहा कि एचएमपीवी से जनता के लिए चिंता का कोई कारण नहीं है उन्होंने दोहराया कि सर्दियों के महीनों में आमतौर पर श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि देखी जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि देश श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में किसी भी संभावित उछाल के लिए अच्छी तरह से तैयार है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि HMPV से घबराने की बात नहीं है और हम इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। नड्डा ने बताया कि ये कोई नया वायरस नहीं है और इसकी पहचान सबसे पहले 2001 में की गई थी। उन्होंने कहा कि हम तैयार हैं और सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
HMPV श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, जिसके बारे में पहली बार 2001 में पता चला था। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस से संक्रमित व्यक्ति में बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, तेजी से सांस लेना, पसीना आना और ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान और भूख न लगना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का संक्रमण आमतौर पर 11 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है।